कानपुर (ब्यूरो)। आईआईट कानपुर के साइंटिस्टों ने बाइनरी फ्लूइड डायनेमिक्स के रहस्यों को उजागर किया है। आईआईटी की यह रिसर्च मेडिसीन और कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स को बनाने में हेल्पफुल होगी। रिसर्च को नेचर ग्रुप की कम्युनिकेशंस फिजिक्स जर्नल में पब्लिश किया गया है। यह रिसर्च फार्मास्युटिकल्स के क्षेत्र में मेडिसिंस के इफेक्ट को सस्टेनेबल बनाने का काम करेगी।
प्रो। सुप्रतिक बनर्जी ने बताया कि रिसर्च के रिजल्ट से फूड प्रोसेसिंग, फार्मास्युटिकल्स व ब्यूटी वेलनेस की इंडस्ट्री को बेनीफिट मिलेगा। इस रिसर्च से वेस्ट और लागत भी कम होगी। आईआईटी कानपुर के फिजिक्स डिपार्टमेंट के सीनियर साइंटिस्ट प्रो। सुप्रतीक बनर्जी की मेंटरशिप में रिसर्च स्कॉलर नंदिता पान व अरिजीत हलदर ने यह रिसर्च की है। टीम की इस रिसर्च में ऐसे तरल पदार्थों के गुणों को समझने और उनमें बदलाव करने की विस्तृत जानकारी देता है,
कि स्टरिंग खत्म करने पर बाइनरी फ्लूडस् कैसे रिलैक्स हो जाता है। रिसर्च से पता चलता है कैसे प्रत्येक घटक, द्रव के बड़ा हिस्से और बाइनरी मिश्रण में उनका इंटरफेस टर्बूलेंट समाप्त होने के बाद एक निश्चित स्थिति में वापस आ जाता है। बाइनरी फ्लूडस् में यह रिलैक्स प्रक्रिया, एकल-तरल प्रणालियों से काफी भिन्न होती है।