कानपुर (ब्यूरो)। डीजल की बढ़ती कीमतों से अब घबराने की जरूरत नहीं है। आईआईटी कानपुर ने एक ऐसा इंजन तैयार किया है जो कि बिना डीजल के स्टार्ट हो जाता है। नया डेवलप किया गया इंजन डाईमेथाइल ईथर (डीएमई) फ्यूल से चलता है। इस इंजन को एक ट्रैक्टर में लगाकर ट्रायल किया गया, जिसमें रिजल्ट पॉजिटिव आए है। आने वाले समय में इस इंजन के बाजार में आने से डीजल की बढ़ती कीमतों से दिल की धड़कन और महंगाई नहीं बढ़ेगी। तीन साल की मेहनत के बाद इस इंजन को आईआईटी की इंजन रिसर्च लैब में तैयार किया गया है। इंजन की कई स्टेज में टेस्टिंग के बाद ट्रायल किया गया।

इस तरह बनाया डीएमई
आईआईटी के प्रो। अविनाश अग्रवाल ने ट्विटर पर जारी एक वीडियो में बताया कि डीएमई फ्यूल को म्यूनसिपलिटी सॉलिड वेस्ट, एग्रीकल्चर वेस्ट और हाईएस्ट कोल से सिंपल प्रोसेस करके तैयार किया गया है। यह फ्यूल में डीजल का रिप्लेसमेंट होने के साथ कई अन्य फायदे भी है। इको फ्रेंडली है, इसके अलावा इसमें धुआं जीरो परसेंट निकलता है जो कि एनवायरमेंट के लिए बेस्ट है। जापान, यूएसए, चीन, स्वीडन, डेनमार्क और कोरिया जैसे कई देश पहले से ही अपने वाहनों को चलाने के लिए डीएमई का उपयोग कर रहे हैं।

एसईआरबी और डीएसटी ने किया सपोर्ट और फंडिंग
इस इंजन को डेवलप करने में आईआईटी कानपुर का सपोर्ट और फंडिंग सेंट्रल गवर्नमेंट के डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (डीएसटी) और साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड (एसईआरबी) ने किया है। एक रिसर्च देश के तेल आयात बिल को कम कर सकती है। इसके अलावा घरेलू कोयले के भंडार, कम मूल्य के एग्री बायोमास वेस्ट, और म्यूनिसिपलिटी के सॉलिड वेस्ट को मेथनॉल और डीएमई में चेंज करके करके ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन और व्हीकल्स को फ्यूल देने का काम करेगा।

फ्यूल इंजेक्शन में चेंजमेंट
ट्रैक्टर में लगे इंजन को डीएमई फ्यूल से चलाने के लिए फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम में चेंजमेंट किया गया है। चेंजमेंट में हायर डायमीटर का नोजल होल, डीएमई सप्लाई लाइन, हाइप्रेशन पंप, डीएमई रिटर्न लाइन और डीएमई टैंक आदि को लगाया गया है। इस काम को करने के लिए एक इंडस्ट्री पार्टनर के साथ में आईआईटी की टीम ने डेवलपमेंट किया है। इस काम को करने के लिए तीन साल का समय लगा है। फिलहाल तैयार किया गया इंजन एग्रीकल्चर यूज में आने वाले ट्रैक्टर के लिए है। आने वाले समय में कार आदि के लिए भी इंजन को डेवलप किए जाने की संभावना है।

3डी कम्यूटेशनल मॉडलिंग
रिसचर्स ने डीएमई इंडक्शन के लिए एफआईई सिस्टम डिजाइन सर्च करने के लिए 3डी कम्प्यूटेशनल मॉडलिंग का यूज किया है। इसके बाद हाई-स्पीड इमेजिंग और फेज डॉपलर इंटरफेरोमेट्री का यूज करके डीएमई की मैक्रोस्कोपिक और माइक्रोस्कोपिक स्प्रे स्पेशलिटी की स्टडी करने के लिए इंवेस्टीगेशन की गई। स्टडी के रिजल्ट के बेस पर, डीएमई- फ्यूल वाले इंजन का प्रोटोटाइप डेवलपमेंट के लिए एफआईई डेवलप किया गया। डीएमई इंजन का टेस्ट आईआईटी कानपुर की इंजन रिसर्च लैब में फुल थ्रॉटल परफॉर्मेंस (एफटीपी) और पार्ट थ्रॉटल एंड पार्ट लोड (पीटीपीएल ) टेस्ट किया गया।

क्या खास है इस इंजन में
- फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम में चेंजमेंट कर तैयार किया इंजन
-इस काम को करने के लिए तीन साल का समय लगा है।
-इसमें धुआं जीरो परसेंट निकलता है, एनवायरमेंट के लिए बेस्ट
-कई डेवलप्ड कंट्री पहले से ही वाहनों में डीएमई का यूज कर रहे
-तैयार इंजन एग्रीकल्चर यूज में आने वाले ट्रैक्टर के लिए है
-कार आदि के लिए भी इंजन को डेवलप करने की तैयारी है