कानपुर (दिव्यांश सिंह)। देश में तेजी से बढ़ रहे साइबर क्राइम के मामलों को कम करने के लिए पुलिस को एक ऐसा टूल मिलने वाला है, जिससे केस की इंवेस्टिगेशन करना आसान होगा। पुलिस को लोकेशन, आईपी एड्रेस, अकाउंट नंबर समेत सभी जरूरी चीजें आसानी से मिल जाएंगी। इस काम के लिए आईआईटी कानपुर ने साइबर क्रिमिनल्स की तलाश के लिए टूल डेवलप करने का काम स्टार्ट कर दिया है। यह टूल पुलिस का काम आसान करने के साथ साथ क्रिमिनल्स तक जल्दी से जल्दी पहुंचने का काम करेगा। उम्मीद है कि इस टूल के बनने के बाद साइबर क्रिमिनल्स जल्दी पकड़ में आएंगे, जिससे इस तरह के क्राइम पर लगाम भी लगेगी।
तेलंगाना पुलिस से दिए केस
आईआईटी को टूल तैयार करते वक्त केस स्टडी के लिए तेलंगाना पुलिस ने एक हजार से ज्यादा केसेस को सौंपा है। इन केसेज की स्टडी करके आईआईटी टूल बनाते वक्त क्रिमिनल्स की मॉडस आपरेंडी जानेगा। उसी को आधार बनाकर ऐसा टूल रेडी किया जाएगा जो कि क्रिमिनल्स से एक कदम आगे सोचकर उनको ट्रैप करने का काम करे। केस स्टडी से यह जानने का प्रयास भी किया जाएगा कि वह कौन सा मैथड है जिससे क्रिमिनल किसी अन्य के अकाउंट, मोबाइल, वेब सिस्टम और सोशल मीडिया आदि को स्वयं से संचालित कर लेते हैैं।
कुछ इस तरह का होगा टूल
आईआईटी में बन रहा टूल पुलिस के काम को आसान करने के साथ केस का खुलासा भी करेगा। इसमें किसी भी केस की डिटेल्स आदि डालने पर उससे जुड़ी कई ऐसी इंफार्मेशन जल्द पता लग जाएंगी, जिसके लिए पुलिस को अभी जद्दोजहद करनी पड़ती है। इसके अलावा जिस केस की इंवेस्टिगेशन की जा रही है, उससे मिलते जुलते केस और पकड़े गए क्रिमिनल्स की डिटेल सामने आ जाएगी। इतना ही नहीं टूल उन सभी इंफार्मेशंस को आपके सामने ला देगा जो कि उस केस की इंवेस्टिगेशन के लिए इंपार्टेंट हैैं।
इंजीनियर माइंड की तरह
साइबर क्राइम को करने वाले लोगों को टेक्नोलॉजी की अच्छी जानकारी होती है। जबकि पुलिस की साइबर सेल में इंवेस्टिगेशन के लिए लगे कुछ अफसरों को छोड़कर अधिकतर के पास साइबर से जुड़ी कोई बड़ी डिग्री या डिप्लोमा नहीं होता है। ऐसे में साइबर क्रिमिनल्स की सोच इंवेस्टिगेशन करने वाले अफसर से कहीं ज्यादा आगे की होती है। इसी वजह से ज्यादातर मामलों में क्रिमिनल पुलिस की पकड़ से दूर रहता है। ऐसे में टूल को आईआईटी की फैकल्टी और इंजीनियर्स तैयार कर रहे हैैं। ऐसे में यह बात तो तय है कि यह टूल क्रिमिनल्स के दिमाग से आगे की सोचकर उनको धर पकडऩे में पुलिस की मदद करेगा।
लखनऊ और कानपुर मेट्रो का होगा सिक्योरिटी आडिट
आईआईटी कानपुर जल्द ही लखनऊ और कानपुर मेट्रो का साइबर सिक्योरिटी आडिट करेगा। आईआईटी के एक्सपर्ट ने बताया कि मेट्रो में सिग्नल और टिकट चेकिंग समेत अधिकतर काम ऑनलाइन होते हैैं। ऐसे में अगर इस सिस्टम को हैक कर लिया जाए तो एक्सीडेंट और फाइनेंशियल क्राइम दोनों तरह की प्रॉब्लम्स सामने आ सकती हैैं। इसी बात को लेकर आईआईटी के एक्सपर्ट मेट्रो के वेब सिस्टम की सिक्योरिटी चेक करेेंगे। मेट्रो की ओर से कहे जाने पर आईआईटी साइबर सिक्योरिटी सर्विस भी दे सकता है।
इनको आईआईटी दे रहा साइबर सपोर्ट
आईआईटी कानपुर की ओर से एनएचएआई, रेलवे, एनएसई और इंडियन पोर्ट सेंटर समेत कई बड़े संस्थानों को साइबर सपोर्ट दे रहा है। इस सपोर्ट में सिक्योरिटी आडिट, डाटा सिक्योरिटी और सपोर्ट आदि शामिल है।