कानपुर (ब्यूरो)। आईआईटी कानपुर ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। डिपार्टमन्ट ऑफ स्पेस, प्लैनिटेरी एंड एस्टा्रनामिकल साइंसेज एंड इंजीनियरिंग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ। प्रशांत पाठक ने इंटरनेशनल एस्ट्रॉनामर्स की टीम में शामिल होकर एक सुपर जुपिटर को खोजा है। यह सूर्य के समान एक नजदीकी तारे की परिक्रमा करने वाला एक विशाल ग्रह है। इस ग्रह को एप्साइलॉन इंडी एबी या ईपीएस इंड एबी के रूप में क्लासीफाइड किया गया है, जो जुुपिटर से मास के मामले में कम से कम छह गुना ज्यादा है। जो इसे हमारे सौर मंडल के किसी भी ग्रह से काफी बड़ा बनाता है। यह ग्रह प्रत्यक्ष इमेजिंग तकनीक का उपयोग करके खोजा जाने वाला पहला परिपक्व एक्सोप्लैनेट (हमारे सौर मंडल से परे एक ग्रह) है। इस खोज और इसके पीछे के रिसर्च को साइंस जर्नल नेचर ने पब्लिश किया है।
हमसे 12 लाइट ईयर दूर
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (जेडब्ल्यूएसटी) के मिड-इंफ्रारेड इंस्ट्रूमेंट का यूज करते हुए एस्ट्रानॉमर्स की टीम ने के5वी प्रकार के तारे एप्साइलॉन इंडी ए की परिक्रमा कर रहे एक नए बाह्यग्रह का प्रत्यक्ष चित्र लिया है। अप्रत्यक्ष तरीकों से किसी ग्रह के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव या उसके होस्ट तारे के सामने से गुजऱने पर तारों की रोशनी के मंद होने के माध्यम से उसके अस्तित्व का अनुमान लगाया जाता हैं, जबकि प्रत्यक्ष इमेजिंग खगोलविदों को सीधे एक्सोप्लैनेट का निरीक्षण करने की सुविधा प्रदान करता है। नया खोजा गया ग्रह हमसे 12 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। यह ग्रह काफी ठंडा है, जिसका तापमान लगभग माइनस वन डिग्री सेल्सियस है। इसकी कक्षा भी बहुत बड़ी है, और यह अपने तारे की परिक्रमा हमारी पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी से 28 गुना अधिक दूरी पर करता है।
ऐसे ग्रहों को जाना जो बहुत अलग
आईआईटी कानपुर के डायरेक्टर प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने कहा कि यह खोज एक्सोप्लेनेट रिसर्च में एक प्रमुख मील का पत्थर है और भविष्य की खोजों के लिए मंच तैयार करती है, जिससे हम अपने ग्रह प्रणालियों से परे रहस्यों को उजागर करने के एक कदम और करीब आ जाते हैं। हमारे नजदीकी ग्रह की सीधे छवि लेने में सक्षम होना गहन अध्ययन के लिए एक अभूतपूर्व अवसर प्रदान करता है।
काफी रोमांचक रही खोज
एस्ट्रोनामर्स की टीम में शामिल आईआईटी के डॉ। प्रशांत पाठक ने बताया कि यह खोज रोमांचक रही। क्योंकि इससे हमें ऐसे ग्रहों के बारे में और अधिक जानने का मौका मिलता है जो हमारे अपने ग्रहों से बहुत अलग हैं। नए खोजे गए ग्रह और अन्य नजदीकी एक्सोप्लैनेट की स्टडी करके हम ग्रहों के निर्माण, वायुमंडलीय संरचना और हमारे सौर मंडल से परे जीवन की संभावना के बारे में और गहरी समझ हासिल करने की उम्मीद करते हैं।