कानपुर (ब्यूरो) सदियों पुराने अगरबत्ती उद्योग में इनोवेशन कर फूल(द्घशशद्य.ष्श) भारत का पहला वेलनेस ब्रांड है जिसे प्रतिष्ठित फेयर फॉर लाइफ-फेयरट्रेड, और इकोसर्ट ऑर्गेनिक एंड नेचुरल सर्टिफिकेशन प्राप्त हुआ है। इसे स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर , आईआईटी कानपुर में इनक्यूबेट किया गया था। फूलों के कचरे से बनी अपनी अगरबत्ती/धूपबत्ती से सुर्खियों में आया। सुगंध और ग्राहकों की वरीयताओं की अपनी गहरी समझ का लाभ उठाते हुए, कंपनी ने प्रमाणित प्राकृतिक उत्पादों के अपने सूट के साथ, 23 अरब डॉलर के वैश्विक घरेलू सुगंध बाजार में पकड़ बनाई और अरोमाथेरेपी-आधारित पर्सनल केयर श्रेणी में प्रवेश किया।

'फ्लेदरÓ ने पकड़ी रफ्तार
कंपनी ने एक विशिष्ठ सामग्री 'फ्लेदरÓ भी विकसित किया है जो बिल्कुल चमड़े की तरह दिखती एवं अहसास कराती है, लेकिन यह पूर्णत: गैर-पशु और गैर-प्लास्टिक आधारित सामग्री है। इस स्वदेशी घरेलू विकल्प के साथ 'फूलÓ की योजना 550 अरब डॉलर के वैश्विक चमड़े के उद्योग को फ्लेदर से बदलने की है। अपनी झोली में एक ठोस आईपी पोर्टफोलियो के साथ फूल ने दुनिया के कुछ सबसे बड़े फैशन हाउसों के साथ पायलट प्रोजेक्टों पर हस्ताक्षर किए हैं। पेटा द्वारा शाकाहारी फैशन में सर्वश्रेष्ठ इनोवेशन से सम्मानित, फ्लेदर दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषणकारी उद्योगों के लिए एक उभरता विकल्प है।

निदेशक ने दी बधाई
आईआईटी के निदेशक प्रो। ने कहा मुझे यह जानकर खुशी हुई कि 'फूलÓ ने सिक्स्थ सेंस वेंचर्स से फंडिंग हासिल की है। अंकित और उनकी टीम को हार्दिक बधाई। उनकी दूरदर्शी 'फूल-पुनर्चक्रण तकनीकÓ वास्तव में क्रांतिकारी है। मैं उनकी नवोन्मेषी तकनीक से प्रभावित हूं जो सतत विकास लक्ष्यों को बढ़ावा देती है और एक साथ सैकड़ों महिलाओं के लिए आजीविका के अवसर भी पैदा करती है। आईआईटी को 'फूलÓ के लिए इनक्यूबेशन पार्टनर और उनकी सफलता का एक हिस्सा होने पर बेहद गर्व है।

नया ब्रांड बनाने की प्लांिनंग
'फूलÓ के संस्थापक, अंकित अग्रवाल ने कहा, बहुत कम समय में हमारे मामूली प्रयासों ने भारतीय सुगंध उद्योग में सेंध लगाने में कामयाबी हासिल की है। एक ब्रांड के रूप में 'फूलÓ आज लग्जरी फ्रेगरेंस उत्पादों का पर्याय बन गया है। हम वैश्विक घरेलू फ्रेगरेंस आधारित बाजार को बदलने और अपनी उत्पाद श्रृंखला के साथ एक विशिष्ट ब्रांड बनाने की योजना बना रहे हैं।