कानपुर (ब्यूरो)। आईआईटी कानपुर और मल्टी इंस्टीट्यूशनल रिसर्चर की टीम ने एक ऐसा स्पेशल मेटल डेवलप किया है जो कि ग्रीन हाइड्रोजन को पानी से अलग कर सकेगा। यह स्पेशल मेटल सस्ता भी है। इसके अलावा इसका यूज अक्षय स्त्रोतों से प्राप्त एनर्जी को स्टोर करने में भी किया जा सकेगा। आईआईटी की इस रिसर्च को नेचर पत्रिका ने मान्यता दी है।

रिसर्च पेपर किया प्रस्तुत

आईआईटी के मैटेरियल साइंस एंड इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रो। कृशानु बिस्वास और मल्टी इंस्टीट्यूशनल रिसर्चर की टीम ने एक स्पेशल मैटल को डेवलप करके रिसर्च पेपर को प्रस्तुत किया है। इस रिसर्च में प्रो। बिस्वास के साथ आईआईटी मंडी, आईआईटी खडग़पुर और आईआईएससी बंगलुरू के रिसर्चर भी रहे हैैं। डेवलप मैटल को उच्च एन्ट्रॉपी मिश्र धातु (एचईए) कहा जाता है।

ये हैं रिसर्च टीम के मेंबर

आईआईटी कानपुर के प्रो। कृशानु विश्वास, डॉ। निर्मल कुमार कटियार, आईआईटी मंडी के प्रो। अदिति हलदर, डॉ। ललिता शर्मा, आईआईटी खडग़पुर के प्रो। चंद्रशेखर तिवारी, डॉ। राकेश दास, आईआईएससी बेंगलुरू के प्रो। अभिषेक सिंह, डॉ। अर्को पारुई, डॉ। रितेश कुमार।