कानपुर (ब्यूरो) आईआईटी एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक सीथ्रीआई हब साइबर भौतिक प्रणालियों में बुनियादी ढांचे, यूएवी, ड्रोन में साइबर सिक्योरिटी के ङ्क्षबदुओं पर काम कर रहा है। क्रिप्टोग्राफी, हैकर की घुसपैठ का पता लगाने, संचार नेटवर्क की सुरक्षा पर भी काम हो रहा है। इसी कड़ी में सीथ्रीआइ हब ने साइबर सिक्योरिटी में काम करने वाले नए स्टार्टअप को इनवाइट किया गया था। जिसमें से 16 स्टार्टअप को यूएवी सुरक्षा, ब्लाकचेन, साइबर भौतिक प्रणाली आदि क्षेत्रों के लिए चुना गया है। अब इन स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जाएगा। प्रिंसिपल सांइटिफिक एडवाइजर प्रो। अजय कुमार सूद ने कहा कि विदेश के साइबर हमलावर भारत को निशाना बना रहे हैं। इसलिए यहां साइबर जगत की सुरक्षा के लिए सुरक्षा तकनीक की मौजूदगी की जरूरत है। आईआईटी डायरेक्टर प्रो। अभय करंदीकर ने साइबर सिक्योरिटी को नेशनल सिक्योरिटी के लिए जरूरी बताते हुए कहा कि सीथ्रीआई हब के पहले गु्रप ने कई सुरक्षा तकनीक व उत्पाद विकसित किए हैं।
पहले गु्रप की लांङ्क्षचग 2021 में
को-प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रो। संदीप शुक्ला ने बताया कि सीथ्रीआई हब की स्थापना 2020 में हुई थी। पहले गु्रप की लांङ्क्षचग 2021 में हुई, जब देश कोरोना महामारी से जूझ रहा था। 2021 में एनएचएआई में सुरक्षा संचालन केंद्र बनाया। अब सभी स्टार्टअप भारत की सुरक्षा के लिए सेवाओं व उत्पादों के डिजाइन व विकास के लिए काम करेंगे। कार्यक्रम में भारत सरकार के साइंस एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के डा। श्रीवरी चंद्रशेखर, राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक डा। राजेश पंत, एनसीआइआइपीसी के डीजी नवीन ङ्क्षसह, मिशन की डायरेक्टर डा। एकता कपूर, डा। तनिमा हाजरा आदि रहे।
5 साल में 125 स्टार्टअप होंगे लांच
सीथ्रीआई हब के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पद्मश्री प्रो। मणीन्द्र अग्रवाल ने बताया कि संस्थान साइबर फिजिकल सिस्टम से जुड़े क्षेत्रों में पांच साल में 125 स्टार्टअप लांच करेगा। अब तक 30 स्टार्टअप लांच किए जा चुके हैं। तीसरे समूह के लिए भी आवेदन आ रहे हैं। कार्यक्रम के तहत सीथ्रीआई हब स्टार्टअप कंपनियों को 10 लाख रुपये बजट और दो साल तक कंपनी संस्थापक को 50 हजार रुपये मासिक वेतन देता है। कम से कम 20 प्रतिशत स्टार्टअप दो साल के इन्क्यूबेशन के बाद सफल होंगे.इन स्टार्टअप के जरिए पिछले दो वर्ष में 230 रोजगार के अवसर भी पैदा हुए हैं।