कानपुर ( ब्यूरो)। लोकसभा चुनाव नजदीक हैं। पुलिस अभी से शांतिपूर्वक एवं निष्पक्ष चुनाव कराने की तैयारियों में जुट गई है। डीसीपी हेडक्वार्टर ने बीते मंगलवार को ज्वाइन करने के बाद चुनाव के मद्देनजर पुलिसकर्मियों की गणना कराई तो संख्या में कमी पाई गई। बताया गया कि अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान गई पुलिस अब तक लौट कर नहीं आई है। कुछ पुलिसकर्मी मेडिकल लीव पर हैं तो कुछ ने अपना मोबाइल बंद कर खुद को गुमनामी में डाल दिया है। कमिश्नरेट पुलिस ने इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई का डिसिजन लिया है। नोटिस जारी करते हुए कहा गया है कि 15 फरवरी के पहले आमद न काराई तो बर्खास्तगी की कार्रवाई भी हो सकती है।
पुलिसिंग हो रही प्रभावित
थानों में पुलिसकर्मियों की कमी से पुुलिसिंग प्रभावित हो रही है। न तो पिकेट ड्यूटी करने वाले बचे हैैं और न ही वारंट सर्व करने वाले। थाने से अधिकारियों की टेबल तक डाक नहीं पहुंच रही है, जिसकी वजह से विवेचनाएं प्रभावित हो रही हैैं। हवालात से जेल भेजने के लिए थाने में पुलिस कर्मी नहीं हैैं। थानेदार अपनी रिस्क पर होमगार्डों के साथ अपराधियों को कोर्ट में पेश करा रहे हैैं। ट्रैफिक संभालने के लिए पुलिस कमिश्नर और डीसीपी ट्रैफिक समेत बड़ा अमला काम कर रहा है लेकिन पुलिसकर्मियों की कमी की वजह से न तो ट्रैफिक ड्यूटी बेहतर हो पा रही है और न एनक्रोचमेंट हट पा रहा है। पुलिस कमिश्नर ने मुख्यालय को कानपुर कमिश्नरेट के लिए अतिरिक्त पुलिस बल देने के लिए लिखा है।
लूट और चोरी की वारदातें
पुलिस कर्मियों की वीवीआईपी ड्यूटी 18 जनवरी को लगी थी, जिसके बाद से शहर के सेंट्रल जोन में एक लूट तीन छिनैती, ईस्ट जोन में दो लूट दो छिनैती, साउथ जोन में दो लूट पांच छिनैती और वेस्ट जोन मेें दो लूट चार छिनैती की वारदातें हुई हैैं। यानी कुल मिलाकर पूरे जिले में पुलिस कर्मियों का मूवमेेंट न होने से 21 वारदातें हुई हैैं। हालांकि पुलिस कमिश्नर ने पुलिस लाइन में तैनात अतिरिक्त पुलिस कर्मियों को ड्यूटी पर लगा दिया है लेकिन इलाकों की जानकारी न होने की वजह से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।