कानपुर (ब्यूरो) | अगर आपके पास आइडिया है और आप खुद का कोई यूनिक स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैैं तो ठहरें नहीं शुरू हो जाएं। आपके आइडिया को कंपनी और कंपनी को एक बेस्ट बिजनेस के रूप में डेवलप करने के लिए सिटी के एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स खड़े हैैं। यहां पर आपको अपने आइडिया को लेकर आना है और काम शुरू कर देना है। बस कंडीशन इतनी है कि आपका आइडिया यूनिक, धरातल पर काम करने वाला और पब्लिक यूटीलिटी से जुड़ा होना चाहिए। बीते सालों में आईआईटी, सीएसजेएमयू, एआईटीडी और यूपीटीटीआई में चल रहे इनोवेशन सेंटर, इंक्यूबेशन हब और स्टार्टअप सेंटर ने कई आइडियाज को बिजनेस में कंवर्ट कराया है।
यह फैसिलिटी दे रहे
अगर आप किसी एजुकेशनल इंस्टीट्यूट से अपनी कंपनी को इंक्यूूबेट कराकर स्टार्टअप शुरू करते हैैं तो आपको ऑफिस का पूरा सेटअप मिल जाएगा, जिसमें आफिस स्पेस, फर्नीचर, लाइट आदि सब कुछ मिलेगा। इसके अलावा आपका स्टार्टअप जिस भी सब्जेक्ट से जुड़ा हुआ होगा, उसके सब्जेक्ट स्पेशलिस्ट से मेंटरशिप। प्रोडक्ट डेवलपमेंट के लिए लैब सपोर्ट भी दिया जाएगा।
स्टार्ट इन यूपी से मिलेगा फंड
किसी भी एजुकेशन इंस्टीट्यूट से अपने स्टार्टअप को इंक्यूबेट कराने के लिए सबसे पहले आपको एक सेक्शन 8 कंपनी रजिस्टर करानी होगी, जिसके लिए एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स में बैठे एडवाइजडर आपकी इस काम में भी हेल्प करेंगे। इसके अलावा स्टार्टइन यूपी के स्टार्टअप फंड से आपको मदद मिलेगी। इस फंड के तहत आपसे सस्टेनेंस अलाउंस, प्रोटोटाइप डेवलपमेंट, मार्केटिंग एसेसटेंस, इवेंट पार्टिसिपेशन, पेटेंट सपोर्ट, सिडबी एफओएफ और स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम से फंड मिलेगा। शहर के एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स से इंक्यूबेट होने वाले कई स्टार्टअप को यह फंड मिल रहे हैैं।
यह हैैं स्टार्टअप, इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन
अगर स्टेट गवर्नमेंट बॉडी की बात करें तो सीएसजेएमयू, एआईटीडी और यूपीटीटीआई में स्टार्टअप, इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेंटर चल रहे हैैं। यहां पर आपके आईडिया को कंपनी बनवाने, प्रोटोटाइप डेवलपमेंट से लेकर मार्केट में लांच करने तक सपोर्ट किया जा रहा है। इस काम को करने के लिए आपको सिर्फ एक यूनिक आइडिया की जरुरत है।
आईआईटी में भी है स्टार्टअप इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेंटर
अगर आपका आइडिया बहुत अलग और विस्तृत है तो आपकी मदद के लिए आईआईटी कानपुर भी तैयार है। यहां के स्टार्टअप इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेंटर की डिमांड देश भर में है। यहां से शुरू हुए स्टार्टअप का देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी डंका बज रहा है। हालांकि आपके बताए गए आइडिया को यहां पर कई स्टेज में फिल्टर किया जाएगा। इसके लिए आप यहां एप्लीकेशन से पहले आईडिया और प्लानिंग को दुरुस्त अवश्य कर लें।
स्टार्टअप करने वाले
इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी होने के बाद हमें लगा कि पानी की बर्बादी सोसाएटी की बड़ी प्राब्लम है। सोचा कि टेक्नोलॉजी के जरिए इसको कैसे दूर किया जाए। सीएसजेएमयू में इंक्यूबेट होने के बाद हमको वर्कस्पेस मिला, ट्रायल के लिए कैंपस में वाटर टैैंक और मोटर दिए। वीसी ने स्टूडेंट्स साथ बात करने का मौका दिया। मार्केटिंग कराई। इसके अलावा आईआईटी से टेक्निकल सपोर्ट मिला। अब हम आईआईटी में भी इंक्यूबेटेड हैैं।
भुवन भाटिया
2022 में एआईटीडी से बीटेक सेकेंड ईयर के दौरान मैैंने एक प्रोजेक्ट किया था। टीचर्स और सीनियर्स के कहने पर मैैंने प्रोजेक्ट को आगे बढाया। सीनियर्स और टीचर्स का सपोर्ट मिला तो कंपनी बनाई और एआईटीडी से इंक्यूबेट कराया। मेरे स्टार्टअ को सस्टेनेंस अलाउंस और प्रोटाटाइप डेवलपमेंट फंड मिला है। इसके अलावा सेंटर में ही वर्कस्पेस भी मिली है। लखनऊ में हुए एक बड़े स्टार्टअप इवेंट में मेरे स्टार्टअप को फस्र्ट प्राइज में एक लाख रुपए मिले हैैं। मेरा प्रोडक्ट तैयार है, जिसका ट्रायल चल रहा है।
हिमांशी कुशवाहा
यदि कोई स्टूडेंट या यूथ स्टार्टअप शुरु करना चाहता है। तो सीएसजेएम इनोवेशन फाउंडेशन उनकी मदद के लिए तैयार है। फाउंडेशन ने कई आईडियाज को बिजनेस में बदलकर यूथ को राह दिखाई है। अब तो एफिलिएटेड कालेजों में भी इनोवेशन आफिसर अप्वाइंट किए जा रहे हैैं।
प्रो। विनय कुमार पाठक वीसी सीएसजेएमयू
हमारे कई स्टूडेंट ऐसे हैैं, जो कि पढ़ाई के साथ साथ स्टार्टअप शुरु कर दे रहे हैैं। अब यूथ में स्टार्टअप को लेकर सोच डेवलप हुई है। हमारे इंक्यूबेशन सेंटर में कई कंपनियां इंक्यूबेट हैैं। यदि किसी के पास आईडिया है तो आकर संपर्क कर सकता है।
प्रो। रचना अस्थाना, डायरेक्टर एआईटीडी
हमारे इंक्यूबेशन सेंटर से कई कंपनियां इंक्यूबेट हुई और वह अब एक बेहतर बिजनेस का रुप ले चुकी हैैं। हमारा उद्देश्य है कि यूथ आत्मनिर्भर बने। एक स्टार्टअप कंपनी कई युवाओं को रोजगार देती है।
प्रो। जेपी सिंह, प्रोफेसर इंजार्च यूपीटीटीआई इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेल