कानपुर (ब्यूरो) जेल में बंदियों से अब हर कोई नहीं मिल सकेगा। बंदी के जेल में प्रवेश के दौरान दस परिचितों या परिजनों की लिस्ट जेल प्रशासन को देनी होगी। इन लोगों के नाम पते का वेरिफिकेशन जिले के एसएसपी या कमिश्नर के द्वारा कराया जाएगा। इस वेरिफिकेशन के बाद ही पहचान पत्र बनेगा और मिलाई करने वाले बंदियों से मिल सकेंगे। मुलाकात करने वाले की फोटो देखने के बाद पहचान कराई जाएगी, उसके बाद ही मिलने दिया जाएगा। बंदियों की मुलाकात सीसीटीवी सर्विलांस में ही कराई जाएगी। गंभीर बंदियों की मिलाई के लिए जेल प्रशासन को पहले एलआईयू को जानकारी देनी होगी। गंभीर धाराओं में बंद बंदी की मुलाकात के दौरान जेलर या डिप्टी जेलर मौजूद रहेंगे। जरूरत पडऩे पर बंदी की भाषा जानने वाले को भी साथ रखा जाएगा।
मुलाकात रजिस्टर बनेगा
जेल प्रशासन को निर्देश जारी किए गए हैैं कि मुलाकात के लिए मुलाकात रजिस्टर बनाया जाए और उस रजिस्टर पर मुलाकातियों से उनका एक अतिरिक्त फोटो लगाया जाए। महीने में कई बार मिलाई होने पर जेल प्रशासन डीएम और एसएसपी को मुलाकात की जानकारी देंंगे। अगर कोई एडवोकेट मिलने आएगा तो उसका वकालतनामा जरूर होना चाहिए।
पत्राचार पर रहेगी कड़ी नजर
बंदियों को पत्राचार पर भी कड़ी नजर रखी जाएगी। पत्र भेजने या देने के पहले इसका इंटेलीजेंस निरीक्षण कराया जाएगा। दूसरी भाषा में पत्र होने पर दुभाषिये की मदद ली जाएगी। मुलाकात से पहले बंदी और मुलाकाती दोनों की तलाशी डिप्टी जेलर लेंगे। कारागार अधीक्षक की ये जिम्मेदारी होगी कि मुलाकात कराने से पहले पूरी तरह से छानबीन कर लें कि कोई व्यक्ति फर्जी नाम पते से किसी बंदी से मुलाकात न कर पाए।
जो भी दिशा निर्देश सीनियर ऑफिसर्स द्वारा जारी किए गए हैैं। उन्हें अक्षरश: लागू कर दिया गया है।
डॉ। बीडी। पांडेय, जेल अधीक्षक कानपुर नगरइन नियमों से होगी मिलाई
-जेल में बंदियों से अब हर कोई मुलाकात नहीं कर सकेगा
-बंदी के दस परिजनों की लिस्ट जेल प्रशासन को देनी होगी
-इन लोगों के नाम पते का वेरिफिकेशन पुलिस से कराया जाएगा
- इस वेरिफिकेशन के बाद सभी का पहचान पत्र बनेगा
-पहचान पत्र दिखाने के बाद ही बंदियों से मिल सकेंगे।
- मुलाकात करने वाले की फोटो देखने के बाद पहचान कराई जाएगी
-बंदियों की मुलाकात सीसीटीवी सर्विलांस में ही कराई जाएगी
-गंभीर बंदियों की मिलाई के लिए जेल प्रशासन को एलआईयू को बताना होगा
- गंभीर धाराओं में बंद बंदी की मुलाकात के दौरान जेलर या डिप्टी जेलर मौजूद रहेंगे
- जरूरत पडऩे पर बंदी की भाषा जानने वाले को भी साथ रखा जाएगा।