कानपुर (ब्यूरो) एआरटीओ प्रवर्तन सुनील दत्त ने बताया कि ई-रिक्शा को 2019 मार्च के पहले रजिस्टर्ड करने की पॉलिसी बनी और मार्च 2019 में ई-रिक्शा का रजिस्टर्ड होना अनिवार्य कर दिया गया। कुछ माह की मोहलत ई-रिक्शा चालकों को रजिस्टेशन कराने के लिए दी गई लेकिन 2 हजार से अधिक ई-रिक्शा चालक बिना रजिस्टे्रशन कराए संचालन करते रहे। जो अनफिट होने के कारण दुर्घटना का कारण भी बन रहे थे। इसको लेकर ट्रैफिक विभाग व आरटीओ ने संयुक्त अभियान चलाया और डेढ़ हजार से अधिक ई-रिक्शों को सीज कर दिया था।
7 हजार से अधिक ई-रिक्शा अवैध
आरटीओ सोर्सेस की माने तो सिटी में वर्तमान में लगभग 14 हजार ई-रिक्शा रजिस्टर्ड हैं। यह ई-रिक्शा ट्रैफिक व्यवस्था के लिए अवरोध साबित न हो। इसलिए उनकी संख्या नियंत्रित कर दी गई है। इसके बावजूद सिटी में अभी भी 7 हजार से अधिक ई-रिक्शा अवैध तरीके से संचालित हो रहे हैं। जिनका रजिस्ट्रेशन आरटीओ में नहीं है। कुछ ई-रिक्शा तो ऐसे हैं। जिन पर 4 से 6 ई-चालान हैं। जिनको छुड़वाने के लिए भी कोई नहीं जाता है। दो, तीन साल अवैध तरीके से ई-रिक्शा संचालित कर उसकी लागत निकलने के बाद उसको संचालक कबाड़ में बेच देते हैं।