KANPUR: कोरोना वायरस इस बार पहले से कई गुना ताकतवर है और सीधे फेफड़ों पर अटैक कर रहा है। सभी मामलों में स्थिति गंभीर नहीं होती है। संक्रमण की शुरुआत में इसका फैलाव कम रहता है। इलाज में देरी करने से यह तेजी से नुकसान पहुंचा रहा है। इसकी गंभीरता एचआर सीटी (चेस्ट का सीटी स्कैन) और डिजिटल एक्स-रे में नजर आ रही है। सीटी स्कैन में 90 से 95 परसेंट लोगों में निमोनिया के धब्बे मिल रहे हैं। पिछले साल 7 से 10 परसेंट लोगों में यह धब्बे नजर आते थे।

250 तक सीटी स्कैन

रेडियोलॉजिस्ट फेफड़ों को 5 भागों में करके उसका सीटी सीविएरिटी स्कोर निकाल रहे हैं। यह मरीज में गंभीरता की स्थिति को बताता है। अधिकतर में स्कोर सामान्य संक्रमितों और गंभीर रोगियों का निकल रहा है। अत्यधिक गंभीर रोगियों की संख्या कम है। कोरोना संक्रमण की पुष्टि के लिए आरटीपीसीआर, ट्रूनॉट और एंटीजन की जांच होती है। स्वास्थ्य विभाग ने भी आरटीपीसीआर की जांच में देरी होने पर डिजिटल एक्स-रे और एचआर सीटी की रिपोर्ट के आधार पर संक्रमितों का इलाज शुरू करने को मंजूरी दी है। इस पर डिजिटल एक्स-रे और एचआर सीटी की जांच भी काफी बढ़ गई है। हैलट में 200 से 250 एचआर सीटी हो रही हैं।

8 तक का स्कोर नॉर्मल

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के रेडियोलॉजी के विभागाध्यक्ष प्रो। अशोक वर्मा ने बताया कि सीटी सीविएरिटी स्को¨रग की रिपोर्ट में 8 तक का स्कोर नॉर्मल है, जबकि आठ से 16 तक गंभीर और 17 से 25 तक अत्यधिक गंभीर माना जा रहा है। 100 में से 90-95 की एचआर सीटी रिपोर्ट में निमोनिया के धब्बे मिल रहे हैं। अच्छी बात ये है कि 17 से 25 तक का स्कोर बहुत कम मिल रहा है। ज्यादातर में संक्रमण का स्तर नॉर्मल है।