- कोरोना संक्रमित हो तो न भटके, सिर्फ एक नंबर पर रहे कांटेक्ट में
- होम आइसोलेशन में कैसे होगा इलाज, यह भी समझे कैसे होंगे हॉस्पिटल में भर्ती
KANPUR: सिटी में कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच इसके इलाज को लेकर एक बार फिर से मारामारी बढ़ गई है, लेकिन सिटी में कोरोना वायरस का संक्रमण होने पर उसके इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक मैकेनिज्म बनाया है। जिसकी मदद से अगर कोरोना पॉजिटिव होते हैं तो होम आइसोलेशन और कोविड हॉस्पिटल में ट्रीटमेंट की व्यवस्था हो सकती है। सिर्फ इस पूरी व्यवस्था को समझना जरूरी है।
कहां होगी जांच
2 प्राइवेट लैब (पालीवाल डायग्नोस्टिक,ज्ञान पैथोलॉजी)
2 प्राइवेट अस्पताल (रीजेंसी हॉस्पिटल,न्यू लीलामणी हॉस्पिटल)
सरकारी जांच-
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज-
एलएलआर हॉस्पिटल- फ्लू ओपीडी, सेमी इमरजेंसी (ट्रूनॉट,आरटीपीसीआरर)
उर्सला अस्पताल- ( ट्रू नॉट,आरटीपीसीआर सैंपलिंगग)
काडिर्1योलॉजी--(ट्रू नॉट जांच सिर्फ इनडोर पेशेंट्स के लिएए)
इन सेंटरों पर रैपिड कार्ड जांच और सैंपलिंग की सुविधा-
सभी 10 सीएचसी
अर्बन पीएचसी- केपीएम, अनवरगंज, नवाबगंज, कृष्णा नगर, कैंट, गुजैनी, हरजेंदर नगर, चाचा नेहरू अस्पताल, जागेश्वर अस्पताल,कल्याणपुर बैरी,किदवई नगर, ग्वालटोली,नेहरू नगर, गीता नगर, बीएन भल्ला,दर्शनपुरवा,मेहरबान सिंह का पुरवा पीएचसी।
कैसे पता चलेगी रिपोर्ट-
labreports.upcovid19tracks.in
रिपोर्ट पॉजिटिव आए तो क्या करें-
- अगर आपमें कोरोना वायरस के माइल्ड सिम्टम्स है। आपकी उम्र 40 साल से कम है तो कोविड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के नंबर पर कॉल करें।
- कॉल करने पर आपसे आपकी हेल्थ का अपडेट लिया जाएगा। इसे लेकर आपसे कुछ सवाल पूछे जाएंगे।
- आपको कोई अन्य गंभीर बीमारी तो नहीं है, आपका ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल कितना है।
- इन सवालों के बाद यह तय होगा कि आप अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में हैं या फिर होम आइसोलेशन में ही इलाज हो जाएगा।
- होम आइसोलेशन में होने पर आपको व्हाट्स एप नंबर पर दवाओं का एक पर्चा भेजा जाएगा। जिसमें दवा कैसे खानी है और होम आइसोलेशन में क्या क्या करना है यह इंस्ट्रक्शंस होते हैं
- होम आइसोलेशन में रहने पर आपको समय समय पर अपना ऑक्सीजन लेवल चेक करते रहना होगा। इस बीच कंट्रोल रूम से भी आपको हर रोज एक से दो बार फोन आएगा।
- अगर ऑक्सीजन लेवल तेजी से गिरता है या तबीयत बिगड़ती है तो इसी कंट्रोल रूम के नंबर पर आप संपर्क करेंगे। जिसके बाद हॉस्पिटलाइज कराने के लिए कंट्रोल रूम से एंबुलेंस भेजी जाएगी।
हालत सीरियस है तो क्या करें-
- अगर किसी कोरोना संक्रमित की हालत सीरियस है तो शहर में उसके इलाज के लिए दो स्तरीय सुविधाएं हैं।
- शहर में 8 लेवल-2 स्तर के सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल हैं, इनमें उन पेशेंट्स को रखा जाता है.जिनमें कोरोना के सिंटम्स होते हैं। सांस लेने में समस्या होती है.कोमार्बिडिटी होने के बाद भी उनकी हालत स्थिर होती है।
- लेवल-3 स्तर का शहर में एक हॉस्पिटल है। यहां कोरोना वायरस के सबसे क्रिटिकल पेशेंट्स को रखा जाता है। अक्सर उन पेशेंट्स को यहां भेजा जाता है। जिन्हें वेंटीलेटर की जरूरत होती है और जो कोरोना के साथ अन्य बीमारियों से भी गंभीर रुप से गृसित होते हैं।
- रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अगर पेशेंट की हालत बेहद खराब है तब भी आपको पहले कंट्रोल रूम के नंबर पर संपर्क कर वहां मौजूद डॉक्टर को पेशेंट की हालत के बारे में जानकारी देनी होगी। वह पेशेंट की हालत का असेसमेंट करने के बाद यह तय करेगा कि पेशेंट को लेवल-2 हॉस्पिटल में भेजा जाना है या उसे लेवल-3 स्तर के ट्रीटमेंट की जरूरत है। उसके बाद ही वह पेशेंट जहां होगा वहां पर एंबुलेंस भेज अस्पताल में भर्ती कराएगा।
कोविड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर-
टेलीफोन नंबर- क्800क्80भ्क्भ्9