असीम अल-गोहारी का कहना है कि इसमें से अधिक धन होस्नी मुबारक के बड़े बेटे अला के खाते में हैं। बक़िया छोटे भाई जमाल मुबारक के नाम हैं। इस धन के इस्तेमाल पर फ़िलहाल रोक लगी हुई है।
होस्नी मुबारक के दोनों बेटों पर भ्रष्टाचार और प्रदर्शनकारियों की हत्या में शामिल होने का मुक़दमा जारी है।
मुक़दमा
होस्नी मुबारक पर भी जनवरी-फ़रवरी में उनकी सरकार के ख़िलाफ़ हो रहे विरोधों के दौरान प्रदर्शनकारियों की हत्या का इल्ज़ाम है। होस्नी मुबारक को उस आंदोलन के बाद तीस सालों तक देश पर शासन करने के बाद सत्ता छोड़नी पड़ी।
आंदोलन का एक बड़ा कारण ये भी था कि लोगों को लगता है कि होस्नी मुबारक और उनके परिवार ने भ्रष्टाचार के ज़रिए अपार धन अर्जित किया है।
बेटे
उन्चास साल के अला मुबारक व्यापार करते हैं और उनका राजनीति में कोई दख़ल नहीं था। गमाल मुबारक 47 साल के हैं और वह सत्ताधारी नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी के अग्रणी नेता थे। समझा जाता था कि वो पिता के उत्तराधिकारी होंगे।
स्विस बैंको में पूर्व शासन में काम करने वाले और लोगों का भी धन है। गोहारी का कहना है कि अनुमान के मुताबिक़ ये क़रीब 45 करोड़ डॉलर के आसपास होगा।
स्विट्ज़रलैंड ने पिछले हफ्ते वायदा किया है कि वो होस्नी मुबारक और ट्यूनिशिया के पूर्व राष्ट्रपति जैन-अल आबिदीन बेन अली के शासन में काम करने वाले लोगों के धन को मिस्र और ट्यूनीशिया को वापस कर देगा।
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