कानपुर(ब्यूरो)। चंद्रशेखर आजाद एग्रीकल्चर एंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी (सीएसए) के हार्टिकल्चर डिपार्टमेंट को केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक के क्लाइमेट में होने वाले एक स्पेशल फ्रूट को कैंपस में उगा लिया है। हार्टिकल्चर डिपार्टमेंट के एचओडी प्रो। वीके त्रिपाठी ने लगभग 18 महीने पहले ड्रैगन फ्रूट के प्लांट को ट्रायल के तौर पर कैंपस में लगाया था। ट्रायल का रिजल्ट सक्सेस रहा और ड्रैगन फ्रूट उग आया है। सीएसए में लगे किसान मेले एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी में हार्टिकल्चर डिपार्टमेंट के स्टॉल में ड्रैगन फ्रूट को देखने के लिए स्टूडेंट और किसानों की भीड़ लगी रही। इसके अलावा दो किलो वजन वाले बेल के फल को देखने के लिए भी लोग आए। डॉ। त्रिपाठी ने बताया कि यह बेल की ऐसी वैरायटी है, जिसका छिल्का हल्का और गूदा ज्यादा होता है।
ड्रैगन फ्रूट के सस्ता होने की उम्मीद
लोकल फ्रूट मार्केट में मिलने वाले ड्रैगन फ्रूट के एक पीस की कीमत 80 से 100 रुपए के बीज होती हैैं। बाहर से इसके आने की वजह से कीमत ज्यादा है। अब सीएसए ने इसको अपनी जमीन पर उगा लिया है तो किसान भी इसको अपने बागों में उगा सकते हैैं। लोकल प्रोडक्शन होने से फल की कीमत भी कम होगी। बताते चलें कि ड्रैगन फ्रूट में विटामिन सी होने के चलते इम्यूनिटी बूस्ट होने में मदद मिलती है। इसके अलावा इसको खाने से स्टैमिना भी बेहतर रहता है।
पोषण थाली में बताया कितना करना है भोजन
सीएसए से संबद्ध कृषि विज्ञान केंद्रों की होम साइंटिस्टों ने रबी, जायद और खरीफ के हिसाब से पोषण थाली को तैयार किया है। इस थाली में डाइट को इस हिसाब से प्लान किया गया है, जिसके सेवन से कुपोषण और कमजोरी की समस्या का समाधान होगा। इसके अलावा केवीके के स्टॉल्स में मिलेट्स से बने प्रोडक्ट लगाए गए।
प्राकृतिक एवं श्री अन्न की खेती की जरूरत
किसान मेले एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी के लास्ट डे ट्यूसडे को एग्रीकल्चर, एग्रीकल्चर एजूकेशन एवं रिसर्च स्टेट मिनिस्टर बलदेव सिंह औलख बतौर चीफ गेस्ट मौजूद रहे। उन्होंने मेले में स्टालों का निरीक्षण किया और वहां लगे प्रोडक्ट्स को देखा। बलदेव सिंह औलख ने कहा कि हमें प्राकृतिक एवं श्री अन्न की खेती की जरूरत है। किसानों के हित में साइंटिस्ट लगातार रिसर्च वर्क कर रहे हैैं। सीएसए वीसी डॉ आनंद कुमार सिंह ने सभी गेस्ट्स का वेलकम किया.इस मौके पर विधायक सुरेंद्र मैथानी, अर्चना पांडेय, डॉक्टर आरके यादव, डॉ पीके सिंह, डॉक्टर पीके उपाध्याय और डॉ। खलील खान आदि मौजूद रहे।