कानपुर(ब्यूरो)। देश केा अस्थिर करने की कोशिश कर रहे आतंकियों की धरपकड़ में एनआईए, एटीएस और एसटीएफ को मिली सफलता के बाद नापाक पड़ोसी बौखला गया है। इससे परेशान होकर उसने नया पैतरा आजमाया है। यूपी के तमाम जिलों में तैनात इन सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों की लिस्ट बनाकर उन्हें हनीट्रैप में फंसाने की कोशिश हो रही है। इसके लिए सुंदर महिलाओं को चारे की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। एटीएस के इनपुट के बाद यूपी पुलिस की इंटेलिजेंस यूनिट ने सभी जिलों की पुलिस के लिए अलर्ट जारी किया है। सोर्सेस के मुताबिक, 14 महिलाएं स्लीपर सेल्स बनकर काम कर रही हैं।
एटीएस की मॉनीटरिंग में पकड़ा
पिछले कुछ महीने से यूपी एटीएस कई ऑफिसर्स के सोशल मीडिया अकाउंट्स को मॉनीटर कर रही थी। इसी दौरान एजेंसी को पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव के नापाक मंसूबों की जानकारी मिली, जिसके तहत पाकिस्तान भारत में सेना व राज्य पुलिस के अधिकारियों, कर्मचारियों और उनके परिजनों को निशाना बना रहा है। यूपी एटीएस ने इसकी जानकारी सभी राज्यों की पुलिस को दे दी थी। अब यूपी पुलिस की इंटेलिजेंस यूनिट (अभिसूचना इकाई) ने पत्र लिखकर सभी पुलिस अधिकारियों को चेताया है। इतना ही नहीं पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (पीआईओ) कैसे काम कर रही है, कौन-कौन से सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए लोगों को अपने जाल में फंसाया जा रहा है, इसकी जानकारी दी है।
रिकॉर्डिंग फिर ब्लैकमेल
यूपी इंटेलीजेंस ने सभी एडीजी जोन, पुलिस कमिश्नर, एसपी-एसएसपी और अन्य पुलिस इकाइयों को लेटर भेजकर बताया है कि पीआईओ बड़ी साजिश रच रहा है। सोशल मीडिया पर फेक प्रोफाइल बनाकर पुलिस के अधिकारियों, कर्मचारियों व उनके परिवार वालों को हनीट्रैप किया जा रहा है। ऑडियो-वीडियो कॉल पर अश्लील बातें की जा रही हैं और फिर उनकी रिकॉर्डिंग कर ब्लैकमेल किया जा रहा है और देश की सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील व गोपनीय सूचनाएं दस्तावेज निकाले जा रहे हैं। इंटेलिजेंस ने अधिकारियों को बताया है कि पाकिस्तान इंटेलीजेंस ऑपरेटिव स्पाइवेयर लिंक के जरिए इन्फेक्टेड फाइल भेजकर डाटा हैकिंग भी की जा रही है।
कैसे काम करता है पीआईओ
पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव(पीआईओ) पाकिस्तान खुफिया एजेंसी की ही यूनिट है, जो भारत के खिलाफ इस्तेमाल की जाती है। इसके जरिए साइबर अटैक, सोशल मीडिया पर फेक आईडी बनाकर बड़े ऑफिसर्स को फंसाने की साजिशें भी रची जाती हैं। यूपी एटीएस के मुताबिक, पीआईओ पाकिस्तान में ही रहते हुए भारतीय मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल करती है। भारतीय नाम की लड़कियों के नाम और सुंदर महिलाओं की फोटो का इस्तेमाल कर व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्ट्राग्राम पर फेक प्रोफाइल तैयार की जाती है।
निकलवाते हैं गोपनीय सूचनाएं
इन फेक प्रोफाइल के जरिए इंडियन आर्मी, एयरफोर्स, नेवी, डीआरडीओ, एचएएल, स्टेट पुलिस व अन्य संबंधित संगठनों के अधिकारियों और कर्मचारियों को हनीट्रैप करने की कोशिश की जाती है। पैसों का लालच देकर या ऑडियो व वीडियो कॉल पर अश्लील बातें करके उनकी रिकार्डिंग करते हैं और फिर उन्हें ब्लैकमेल करके उनसे देश की सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील व गोपनीय सूचनाएं, दस्तावेज निकालते हैं। इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं।
नेक्सेस टूटने से घबराए
एटीएस के एक सीनियर ऑफिसर ने बताया कि लगातार गिरफ्तारी को लेकर आतंकी संगठन घबरा गए हैं। जिलों से स्लीपर सेल्स का नेक्सस टूटने लगा है। इसी वजह से नापाक पड़ोसी ने आतंकी संगठनों से मिलकर नया षणयंत्र रचा है। स्थानीय अधिकारियों को हनीट्रैप में फांसकर ये महिलाएं स्लीपर सेल्स को सुरक्षित रखने की बात कर रही हैं।
घनी आबादी वाले इलाकों में
कमिश्नरेट की घनी आबादी वाले इलाकों में तैनात पुलिस अधिकारियों की मानें तो उनके सामने बहुत से परेशानियां आती हैं। फुट पेट्रोलिंग के दौरान लोग संपर्क बढ़ाने की कोशिश करते हैं। थानों में होने वाली मीटिंग में भी ऐसे लोग संपर्क करते हैं। शहर में तैनात एक और अधिकारी की मानें तो अक्सर अधिकारियों को सोशल मीडिया पर इस तरह की परेशानी होती है, बहुत सोच समझ कर काम करना पड़ता है। सोशल मीडिया पर अक्सर फेसबुक रिक्वेस्ट आती हैं। जिनमें इस तरह के मामले भी होते हैं। कानपुर साइबर सेल ऐसे लगभग एक दर्जन लोगों को ट्रेस करने में जुटी है।
ऐसे पहचानें पीआईओ की फेक आईडी
- यूज के प्रोफाइल पर बेहद ही सुंदर लडक़ी की फोटो लगी होगी।
- फोटो गूगल रिवर्स इमेज से चेक करने पर ओपन सोर्स से मौजूद पाई जाती है।
- सेना से संबंधित तस्वीर भी प्रोफाइल पर लगी हो सकती है।
- जब प्रोफाइल अपडेट होगी तो फोटो बदल जाएगी।
- यूजर सेना से संबंधित जानकारी देगा, लेकिन एबाउट में अपडेट नहीं डालेगा।
- फेसबुक पर किये गए कमेंट पर कोई रिप्लाई नहीं देगा
- अधिकांश प्रोफाइल पिक्चर के बैक ग्राउंड में कोई पहचान का चित्र नहीं मिलेगा।
- अधिकतर इनके फ्रेंडलिस्ट में आर्मी व पैरामिलिट्री के लोग ही जुड़े होते हैं।
- कुछ लोग इनके प्रोफाइल में फेक प्रोफाइल जैसे कमेंट करते हैं।
- ये लोग अपने पोस्ट में कभी फैमिली फोटो पोस्ट नहीं करते हैं।
- ये लोग जो पोस्ट करते हैं उसे किसी अन्य को टैग नहीं करते हैं।
मुख्यालय से जारी किए गए आदेश पर साइबर सेल को अलर्ट किया गया है। साथ ही सभी अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी गई है।
बीपी जोगदण्ड, पुलिस कमिश्नर