- गैस्ट्रोकॉन-19 में पहुंचे नामी एक्सप‌र्ट्स ने दी पेट और लीवर से जुड़ी नई जानकारियां

- फैटी लीवर यंगस्टर्स में बढ़ी प्रॉब्लम, स्ट्रेस से भी बढ़ रही पेट की परेशानियां

KANPUR: बदली लाइफस्टाइल और एक्सरसाइज का अभाव लीवर को बीमार कर रहा है। बेहरतीब खानपान, एल्कोहल और एक्टिविटी से दूरी लीवर को फैटी बना रही है। जोकि आगे चल कर लीवर सिरोसिस की तरफ भी ले जाती है। केएमसी गैस्ट्रोकॉन-19 में आए देश के नामी गैस्ट्रोइंट्रोलॉजिस्ट्स ने लीवर और पेट से संबंधित फैक्ट्स, इलाज की नई तकनीक और मौजूदा हालात पर कई जानकारियां दी। गैस्ट्रोकॉन का इनॉग्रेशन मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ.आरती लालचंदानी ने किया। इस दौरान डॉ.एचएस चावला, डॉ। गौरव चावला प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

फैटी लीवर बढ़ी प्रॉब्लम

बीएचयू से आए डॉ.वीके दीक्षित ने फैटी लीवर को लेकर कहा कि लाइफस्टाइल चेंज होना इसकी बड़ी वजह है। इस बीमारी को लोग खुद ही पैदा कर रहे हैं। इसे सही करने के लिए दवा से ज्यादा होलीस्टिक अप्रोच, सही खानपान और एक्टिव लाइफ स्टाइल ज्यादा जरूरी है। वहीं स्ट्रेस की वजह से पेट की समस्याओं पर भी उन्होंने कहा कि यह पेट पर इनडायरेक्टली प्रभाव डालती है। डाइजेशन में प्रॉब्लम, रिफ्लक्स आना, एसिडिटी जैसी प्रॉब्लम्स से इसकी शुरुआत होती है।

सीमित एल्कोहल से भी खतरा

कोलकाता से आए डॉ.संदीप पाल ने लीवर पर एल्कोहल के प्रभाव पर जानकारी देते हुए कहा कि पुरुष रोज अगर 40 से 80 ग्राम के बीच एल्कोहल लेते हैं तो भी उन्हें फैटी लीवर का खतरा रहता है। एल्कोहालिक लीवर डिसीज के 15 फीसदी लोगों में लीवर सिरोसिस का खतरा रहता है।

अब इंडोस्कोपिक बैरियाट्रिक सर्जरी

हैदराबाद से आए दिग्गज गैस्ट्रोइंट्रोलॉजिस्ट डॉ.जीवी राव ने पेट और लीवर से जुड़े नए ट्रीटमेंट पर चर्चा की। साथ ही मेटाबॉलिक गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि अब बैरियाट्रिक सर्जरी का भी इंडोस्कोपिक प्रोसीजर देश में शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि डायबिटीज सिर्फ पैंक्रियाज में इंसुलिन नहीं बनने की वजह से नहीं होती बल्कि नई स्टडीज में यह साफ हो गया है कि इसमें छोटी आंत की भी भूमिका है।