-हिस्ट्रीशीटर विकास ने जिस जेसीबी को यूज कर 8 पुलिसकर्मियों को मारा, उसी से पुलिस ने ढहा दिया पूरा घर
-पुश्तैनी घर से लेकर आलीशान कोठी पर चली जेसीबी, घर में खड़ी लग्जरी गाडि़यों को भी तोड़ कर लटकाया
- शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र का भैराघाट पर पूर राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार, बेटियों ने दी मुखाग्नि
KANPUR: वारदात के 48 घंटे बाद भी 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले कुख्यात विकास दुबे को पुलिस तलाश नहीं कर पाई है। हालांकि पुलिस ने बिकरू गांव स्थित उसके किलेनुमा आलीशान घर को जेसीबी से जमींदोज कर अपना गुस्सा जरूर कुछ ठंडा कर लिया। इस किले की ऊंची दीवारों, लोहे के दरवाजों, दो मंजिला पैतृक आवास और दो महंगी एसयूवी को पूरी तरह से तहस नहस कर दिया गया। इस काम के लिए पुलिस ने उसी जेसीबी का इस्तेमाल किया जिसे बीच सड़क पर खड़ा कर दबिश के लिए आए पुलिस कर्मियों को निशाना बनाया गया था। पुलिस की कार्रवाई न सिर्फ विकास को लेकर उसके अंदर भरे गुस्से को दिखाती है। बल्कि विकास और उससे मददगारों को भी साफ संदेश दे दिया गया है कि उसका बचना अब नामुमकिन है।
पुलिस प्रशासन की सहमति से
बिकरु गांव में कुख्यात विकास दुबे का घर ही उसके अपराध का भी गढ़ रहा है। इससे पहले भी दो बार जब विकास ने बड़ी आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया, तब भी उसके घर को तोड़ा गया, लेकिन यह तीसरी बार है कि पूरे घर को ही जमींदोज कर दिया। घर के अंदर खड़ी दो एसयूवी और दो ट्रैक्टर भी पूरी तरह से तहस नहस किया गया। स्कार्पियो एसयूवी को तो जेसीबी से टांग दिया गया। पुलिस के आला अधिकारियों की सहमति के बाद विकास के इस घर को तोड़ने का काम शनिवार सुबह ही शुरू हुआ। पहले घर के नए हिस्से को तोड़ा गया। फिर गाडि़यों को तोड़ा गया। घर की ऊंची चाहरदिवारी गिराई गई। फिर दो मंजिला पुराने पैतृक आवास को भी जमींदोज कर दिया गया। जिस घर को विकास एक किला बताता था। उसे जमींदोज करने में जेसीबी को चंद घंटे ही लगे।
मोटी दीवारें, तहखानानुमा कमरे
विकास दुबे का पैतृक आवास हो या फिर घर का ही नया हिस्सा। इसे बेहद मजबूती से तैयार कराया गया था। पैतृक घर में बने कमरे तहखानानुमा थे। जोकि छिपने और नजर रखने दोनों के काम आते थे। इन्हें ढहाने के दौरान कई बार जेसीबी तक हांफने लगी। इस दौरान जो सामान घर में रखा गया था। वह भी पूरी तरह से तहस नहस हो गया।
कोर्ट में गले की फांस न बन जाए
जिस तरह से पुलिस ने विकास दुबे के आवास को जमींदोज किया। उसे लेकर कुछ सवाल भी उठे हैं। क्या विकास का यह घर अवैध था? किस आधार पर उसे गिराया गया। घर गिराने को लेकर कोई लिखित आदेश जिला प्रशासन या कोर्ट से मिला था? यह सवाल अगर कोर्ट में उठते हैं। तो पुलिस के गले की फांस भी बन सकते हैं। वहीं इस बाबत जब आईजी रेंज मोहित अग्रवाल और एसएसपी दिनेश कुमार पी से बात की गई तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। उन्होंने इसे ग्रामीणों का गुस्सा बताया.
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खाते सीज, संपलिा होगी जब्त
8 पुलिस कर्मियों कत्ल के आरोपी कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई पुलिस प्रशासन कर सकता है। इसके लिए उसके नाम दर्ज संपत्तियों का पता लगाया जा रहा है। साथ ही उसके बैंक खातों की डिटेल भी जुटाई जा रही हैं। इन खातों को सीज करने के साथ पुलिस उसकी संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई कर सकती है। इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
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- 48 घंटे बाद भी विकास का कोई सुराग नहीं लगा
-500 से ज्यादा फोन नंबर को सर्विलांस पर लिया गया
- 24 पुलिसकर्मियों के फोन भी लिसनिंग पर लगाए गए
-20 से ज्यादा टीमें विकास की तलाश में लगाई गई
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- मुखबिरी के शक में एसओ चौबेपुर को किया गया सस्पेंड
- विकास की संपत्तियों को जब्त करने की तैयारी में प्रशासन
- उसके बैंक खातों को सीज करने के लिए डिटेल जुटाई जा रही
-दो एसयूवी और दो ट्रैक्टर भी पूरी तरह से तहस नहस किया गया
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आखिर कहां है दुदर्ान्त विकास
पुलिस ने 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे के घर को ढहाकर भले ही अपना गुस्सा निकालने की कोशिश की हो लेकिन वारदात के 48 घंटे बाद भी पुलिस विकास का कोई सुराग नहीं लगा पाई है। हर तरफ नाकेबंदी और दर्जनों ठिकानों पर दबिश के बाद भी विकास पुलिस के हाथ नहीं लगा है। पुलिस विकास के पिता सहित दो दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है लेकिन अब तक कोई बड़ा सुराग उसके हाथ नहीं लगा है। वहीं लखनऊ से भी मामले में हर अपडेट लिया जा रहा है।