लीबिया के पूर्व राष्ट्रपति कर्नल गद्दाफ़ी के सत्ता से बेदख़ल किए जाने के बाद लीबिया का दौरा करने वाली वो अब तक की सबसे वरिष्ठ अमरीकी राजनेता हैं.नका मुख्य उद्देश्य लीबिया के लोगों को अपने समर्थन का विश्वास दिलाना और उनसे संबंधों को बढ़ाना है।
त्रिपोली पहुंचने के बाद हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि कर्नल गद्दाफ़ी जल्द ही या तो पकड़े जाएंगे या मारे जाएंगे ताकि लीबियाई नागरिक को अब दोबारा कर्नल गद्दाफ़ी का डर ना हो।
उनका दौरा ऐसे समय में हुआ है जब कर्नल गद्दाफ़ी के गृह नगर सिर्त में विद्रोहियों और कर्नल गद्दाफ़ी के वफ़ादार सैनिकों के बीच भीषण युद्घ जारी है। त्रिपोली के पूर्व में बसा ये तटीय शहर कर्नल गद्दाफ़ी के वफ़ादार सैनिकों के क़ब्ज़े वाला अंतिम गढ़ है।
वहां मौजूद संवाददाताओं का कहना है कि राष्ट्रीय अंतरिम परिषद (एनटीसी) के सैनिकों पर गद्दाफ़ी समर्थक सेना ने मंगलवार की सुबह हमला किया। समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार इस हमले में घायल एनटीसी के लगभग 35 सैनिकों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।
एनटीसी के एक सैनिक ताहिर बुरज़ेज़ा ने एएफ़पी को बताया, ''वे (गद्दाफ़ी समर्थक सैनिक) हम पर चारों तरफ़ से निशानेबाज़ों के ज़रिए, मोर्टार और ग्रेनेड युक्त रॉकेट से हमले कर रहें है। अंदर के हालात बहुत नृशंस हैं। हम पर हर तरफ़ से हमले हो रहे हैं.''
रॉयटर समाचार एजेंसी के अनुसार गद्दाफ़ी के वफ़ादार सैनिक ऐसे भी कुछ इलाक़ों को दोबारा जीतने में सफल हो गए हैं जो कुछ दिन पहले उनके नियंत्रण से निकल गए थे।
हिलेरी क्लिंटन ने त्रिपोली में एनटीसी के अध्यक्ष मुस्तफ़ा अब्दुल जलील समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाक़ात की।
मदद का आश्वासन
इस मौक़े पर क्लिंटन का कहना था, ''एक आज़ाद त्रिपोली की धरती पर खड़े होने पर मुझे गर्व है और अमरीकी जनता की तरफ़ से मैं लीबिया को बधाई देती हूं.'' उन्होंने एनटीसी के अधिकारियों को हर संभव अमरीकी मदद का यक़ीन दिलाया। उन्होंने एक अस्पताल का भी दौरा किया और फिर बाद में त्रिपोली विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित किया।
क्लिंटन ने कहा कि कर्नल गद्दाफ़ी की सेना के ख़िलाफ़ लड़ने वाले सभी गुटों को एक साथ मिल जाना चाहिए। उनका कहना था, ''नागरिक नेतृत्व के नियंत्रण में एक राष्ट्रीय सेना और पुलिस का गठन किया जाना बहुत ज़रूरी है.'' सुरक्षा कारणों से क्लिंटन के दौरे को गुप्त रखा गया था और सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए थे।
हिलेरी क्लिंटन माल्टा से होकर त्रिपोली पहुंची थी। माल्टा में उन्होंने प्रधानमंत्री लॉरेंस गौंज़ी से मुलाक़ात की और लीबिया के संकट के समय में माल्टा ने जो मदद की उनके लिए उनका शुक्रिया अदा किया।
लीबिया में संकट के समय मानवीय मदद पहुंचाने और लीबिया में काम कर रहे लोगों को बाहर निकालने में माल्टा ने एक अहम भूमिका निभाई थी।
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