हिलेरी क्लिंटन का पाकिस्तान दौरा ऐसे समय हो रहा है, जब उत्तरी वज़ीरिस्तान में हक़्क़ानी नेटवर्क के चरमपंथियों पर कार्रवाई के लिए उस पर दबाव बढ़ रहा है।
अफ़ग़ानिस्तान में हुए कई हमलों के लिए अमरीका हक़्क़ानी नेटवर्क को ज़िम्मेदार मानता है। अमरीकी अधिकारी हक़्क़ानी नेटवर्क के पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई के बीच रिश्तों को लेकर सवाल उठाते रहे हैं, हालाँकि पाकिस्तान हमेशा इससे इनकार करता रहा है।
हिलेरी क्लिंटन के सहयोगियों का कहना है कि वे ओबामा प्रशासन का कड़ा संदेश लेकर पाकिस्तान पहुँची हैं और वे पाकिस्तान से कहेंगी कि वो आतंकवाद विरोधी कार्रवाई और तेज़ करे।
नाराज़गी
इससे पहले काबुल में उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान के साथ नई साझेदारी की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान का अफ़ग़ान समस्या के हल का हिस्सेदार होना आवश्यक है।
इस साल मई में ऐबटाबाद में अमरीकी कार्रवाई में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद से ही अमरीका और पाकिस्तान के रिश्तों में खटास आ गई है। पाकिस्तान अपने सीमावर्ती इलाक़ों में अमरीका के ड्रोन हमलों को लेकर भी नाराज़ है।
पिछले दिनों पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल अशफ़ाक़ कयानी ने चेतावनी दी थी कि उत्तरी वज़ीरिस्तान में किसी भी एकतरफ़ा कार्रवाई के लिए अमरीका को दस बार सोचना होगा।
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