- उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से मची तबाही के बाद शहर में भी इंतजाम दुरुस्त, अफसरों ने बनाई रणनीति
-बैराज एक्सईएन ने एक लाख क्यूसेक पानी पहुंचने की जताई आशंका, बरते जा रहे हैं सभी तरह के एहतियात
KANPUR: उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से हुई तबाही का असर कानपुर पर भी पड़ सकता है। प्रदेश सरकार ने गंगा किनारे स्थित सभी जनपदों में अलर्ट जारी कर दिया है। कानपुर में इस अलर्ट को लेकर हालात का जायजा लेने के साथ ही अधिकारियों ने बचाव की रणनीति पर चर्चा की। पुलिस की ओर से गंगा किनारे के इलाकों में लाउडस्पीकर से चेतावनी संदेश भी दिए गए हैं।
8 से 10 दिन में पहुंचेगा
वहीं गंगा बैराज से संबंधित अधिकारियों का कहना है कि ग्लेशियर का पानी कानपुर पहुंचने में एक हफ्ते से ज्यादा का वक्त लग सकता है। ग्लेशियर टूटने की वजह से गंगा में एक लाख क्यूसेक पानी बढ़ने की संभावना जताई गई है। यह पानी हरिद्वार, नरौरा होते हुए 8 से 10 दिनों में कानपुर पहुंचेगा। हालांकि कानपुर में इससे ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ने की भी संभावना जताई गई है, लेकिन फिर भी एहतियात बरती जा रही है।
वॉटर लेवल पर लगातार नजर
बैराज निर्माण खंड के एक्सईएन जेपी सिंह ने जानकारी दी कि बैराज पर पानी के स्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है। नरौरा बांध के भी अधिकारियों से संपर्क में हैं। ग्लेशियर टूटने से जो पानी गंगा में बढ़ेगा। उसे कानपुर आने में वक्त लगेगा। यहां हालात कंट्रोल में रहेंगे। फिर भी रोज सुबह-शाम के पानी के स्तर की जानकारी ली जा रही है।
एनडीआरएफ, पीएसी से संपर्क
डीएम आलोक तिवारी की अगुवाई में अलर्ट के बाद एक मीटिंग हुई। जिसमें तय हुआ कि एडीएम फाइनेंस और सभी एसडीएम गंगा किनारे के इलाकों का इंस्पेक्शन करेंगे। गंगा बैराज के एक्सईएन जेपी सिंह रोज सुबह शाम स्थिति को लेकर अपडेट डीएम को भेजेंगे। एडीएम फाइनेंस एनडीआरएफ और पीएसी की कंपनियों के अधिकारियों के संपर्क में रहेंगे। जिससे जरूरत पड़ने पर तत्काल राहत कार्य शुरू किया जा सके।