कानपुर (ब्यूरो)। जंगलों में शिकार कर मांस खाने वाले जानवरों को आप बखूबी जानते होंगे, लेकिन क्या आपको पता है कि ये खूंखार जानवर भी व्रत रखते हैं। हफ्ते में एक दिन ऐसा होता है जब ये कुछ नहीं खाते हैं। इसे पढ़कर आप निश्चित ही चौंक गए होंगे, लेकिन ये बिल्कुल सच है। दरअसल, व्रत का नाम सुनते ही दिलो दिमाग आस्था से सराबोर हो जाता है। नवरात्रि, सावन और कई विशेष दिनों में हम व्रत रहकर अपने इष्ट देव को पूजते हैैं। लेकिन कानपुर जू के 63 नॉन वेजीटेरियन जानवर किसी धर्म को नहीं है और न ही किसी की पूजा करते हैैं। लेकिन खुद को हेल्दी रखने और डाइजेस्टिव सिस्टम को ठीक रखने के लिए वीक में एक दिन व्रत रहते हैैं।
व्रत वाले पूरे दिन नॉन वेजीटेरियन एनिमल्स को खाने के लिए कुछ भी नहीं दिया जाता है। उस दिन केवल पीने को पानी मिलता है। बीते कई सालों से चली आ रही इस परंपरा में जानवर भी ढल चुके हैैं और उनको ïव्रत वाले दिन कोई परेशानी भी नहीं होती है। इन जानवरों में शेर, तेंदुआ और बाघ आदि हैैं। वहीं, वेजीटेरियन एनीमल्स को हफ्ते में एक दिन कम डाइट दी जा जाती है।

इसलिए व्रत रखते हैं एनीमल्स
जू के एक्सपर्ट बताते हैैं कि बॉडी में भोजन को डाइजेस्ट करने के लिए बॉडी के पाट्र्स एक मशीनरी की तरह काम करते हैैं। मांस को डाइजेस्ट होने में समय ज्यादा लगता है। इस कारण से एक दिन नॉन वेजीटेरियन जानवरों को खाने के लिए कुछ भी नहीं दिया जाता है। ऐसा करने से एक दिन डाइजेस्ट करने वाली मशीनरी को रेस्ट मिल जाता है। इसके अलावा मेडिकल साइंस की माने तो यह एक दिन व्रत रहना डाइजेशन मजबूत करने औैर इम्यूनिटी को स्ट्रांग करने के लिए कारगर है। इसके अलावा डेली नॉनवेज खाने से कब्ज होने की संभावना रहती है जो कि एक दिन के रेस्ट से न के बराबर हो जाती है।

जंगल और जू में हैै अंतर
व्रत रहने के पीछे नॉन वेजीटेरियन जानवरों का रहन सहन भी है। एक्सपर्ट बताते हैैं कि जंगल में रहने वाले जानवरों को कभी कभी कुछ दिनों तक शिकार आदि न मिलने से भोजन नहीं मिल पाता है। इसके अलावा जंगल में उनकी एक्टिविटी और रनिंग ज्यादा होती है। जबकि जू के अंदर वह बाड़े में रहते हैैं, जिसमें एक्टिविटी कम होती है। कम एक्टिविटी के कारण मांस को पचने में भी ज्यादा समय लगता है। ऐसे में एक दिन का व्रत हर तरीके एनिमल वेलफेयर में है।

डेली दो क्विंटल आता है मांस
नॉन वेजीटेरियल एनिमल्स की बात करें तो उनकी डाइट के लिए डेली दो क्विंटल मांस आता है। मांस की बात करें तो वह बड़े जानवर का आता है। हालांकि आवश्यकतानुसार कुछ जानवरों के लिए मटन या चिकन भी मंगाया जाता है।


यह हैैं व्रत रखने वाले जानवर
शेर - 04
तेंदुए - 25
बाघ - 11
भेडिय़ा - 04
सियार - 12
लकड़बग्घा - 07
टोटल - 63


जू में रहने वाले नॉन वेजीटेरियन जानवर वीक में एक दिन व्रत रखते हैैं। व्रत रखने से उनका डाइजेस्टिव सिस्टम और इम्यूनिटी बेहतर रहती है। व्रत वाले दिन उनको केवल पानी पीने को दिया जाता है।
डॉ। अनुराग सिंह, प्रभारी पशु चिकित्साधिकारी, कानपुर जू