कानपुर (ब्यूरो) विशेष न्यायालय एमपीएमएलए कोर्ट में मंत्री राकेश सचान की अपील पर बहस शुरू हुई। बचाव पक्ष की ओर से बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश चंद्र त्रिपाठी, अधिवक्ता गिरीश नारायण दुबे, रामेंद्र ङ्क्षसह कटियार और कपिल दीप सचान ने प्रार्थना पत्र में दिए गए ङ्क्षबदुओं के आधार पर अपील स्वीकृत करने की बात कही। बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने सीआरपीसी की धारा 389 का हवाला देते हुए कहा कि अपील का निर्णय होने तक निचली कोर्ट से दी गई सजा और जुर्माने को निलंबित रखा जाए। साथी ही पूर्व बंधपत्रों (सियोरिटी) पर जमानत स्वीकृत किए जाने की बात कही। इस पर अभियोजन की ओर से भी डीजीसी क्रिमिनल दिलीप अवस्थी और एडीजीसी भाष्कर मिश्रा ने पहले तो समय मांगा। इसके बाद उन्होंने अपील की नकल (प्रतियां) मांगी। अदालत के आदेश पर अभियोजन को नकलें प्रदान की गईं। अभियोजन की ओर से मंत्री की जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि जब तक वे उपस्थित न हों जमानत पर विचार न किया जाए। इसके बाद बचाव पक्ष की ओर से प्रार्थना पत्र देते हुए मंगलवार तक का समय मांगा गया है। मंगलवार को मंत्री राकेश कोर्ट में हाजिर हो सकते हैं।

ये था मामला
नौबस्ता में 31 साल पुराने दूसरे की लाइसेंसी रायफल रखने के मामले में पुलिस ने मंत्री राकेश सचान के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में आठ अगस्त को अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट आलोक यादव ने मंत्री को दोषी करार देते हुए एक वर्ष कैद और 1500 रुपये जुर्माने की सजा सुनायी थी।