कानपुर (ब्यूरो) एडीएम सिटी अतुल कुमार ने बताया कि इस संबंध में लोगों को जागरूक भी किया जाएगा। ताकि लोग भी दुकानदारों को टोकें। इसके अलावा दुकानदार भी बायोडीजल बनाने वाली कंपनियों को तेल बेचकर मुनाफा कमा सकें। इन सभी को ध्यान मे रखते हुए अवेयनेस प्रोग्राम भी चलाया जाएगा। ट्यूजडे को फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन(एफएसडीए) ने दुकानदारों को अवेयर करते हुए अभियान शुरू किया। साथ ही बरेली की एक कंपनी की तेल संग्रह वैन को एडीएम सिटी अतुल कुमार ने कलेक्ट्रेट से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
ये होता है नुकसान
फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, तीन से ज्यादा बार जब खाद्य तेल को गर्म किया जाता है तो उसमें टोटल पोलर काउंट 25 या उससे अधिक हो जाता है, ऐसे तेल में ट्रांस फैट काफी बढ़ जाता है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। बड़े होटलों में तो ऐसे तेल की बिक्री बायोडीजल बनाने के लिए हो रही है, लेकिन छोटे होटल, ढाबा, ठेला, खोमचा वाले बार-बार ऐसे तेल का उपयोग करते हैं। ऐसे कारोबारियों की सूची तैयार की जा रही है।
आयल ब्रदर्स एप अपलोड करें
खाद्य विभाग के अधिकारियों का आकलन है कि शहर में हर महीने नौ हजार लीटर से अधिक खाद्य तेल का उपयोग होता है। दुकानदारों से कहा जाएगा कि वे आयल ब्रदर्स एप को डाउनलोड करें और उसमें कंपनियों को सर्च करें। जो कंपनी उन्हें ज्यादा पैसे दे, उसे ही तेल बेच दें। फिलहाल बरेली की एक कंपनी ने इन दुकानदारों से तेल खरीदने का कार्य वेडनसडे को शुरू कर दिया है।