कानपुर (ब्यूरो)। कानुपर से जुड़ी सिटी में डिप्थीरिया जैसे जानलेवा बीमारी के एक दर्जन से अधिक केस मिलने के बाद सिटी में भी हेल्थ डिपार्टमेंट अलर्ट हो गया है। बात दें कि उन्नाव में तीन कुछ दिनों में डिप्थीरिया से ग्रसित तीन बच्चों की मौत हो गई है। जिसको गंभीरता में लेते हुए हेल्थ डिपार्टमेंट ने कानपुर में भी अलर्ट कर दिया है। क्योंकि बड़ी संख्या में उन्नाव के पेशेंट हैलट, उर्सला में ट्रीटमेंट के लिए आते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक डिप्थीरिया से ग्रसित पेशेंट में बुखार के साथ गर्दन में खरास के साथ सूजन हो जाती है। ऐसे लक्षण दिखते ही पेशेंट को तत्काल एक्सपर्ट को दिखाने की जरूरत है।

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क्या है डिप्थीरिया

डिप्थीरिया एक अत्यधिक संक्रामक रोग है। जोकि कोरिनेबैक्टीरियम डिप्थीरिया नामक जीवाणु के कारण होता है। डिप्थीरिया से पीडि़त पेशेंट को सांस लेने और निगलने में गंभीर समस्या होती है और उनकी स्किन पर घाव हो सकते हैं। इसका वैक्टीरिया सबसे अधिक श्वास तंत्र को संक्रमित करता है। जब बैक्टीरिया श्वसन तंत्र की परत में प्रवेश करते है और उससे जुड़ जाते है तो यह कमजोरी, गले में खराश, हल्का बुखार और गर्दन में सूजन वाली ग्रंथियां पैदा कर सकता है।

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लक्षण

- गले में खराश और स्वर बैठना

- गर्दन में सूजी हुई ग्रंथियां

- सांस लेने में कठिनाई या तेज सांस लेना

- नाक से पानी बहना

- बुखार और ठंड लगना

- थकान महसूस होना

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एक से दूसरे में फैलती

डॉक्टर्स के मुताबिक अगर आप या आपका बच्चा डिप्थीरिया से ग्रसित व्यक्ति के संपर्क में आते है तो तुरंत अपनी फैमिली डॉक्टर्स से संपर्क करे। अगर आपको यकीन नहीं है कि आपके बच्चे को डिप्थीरिया से बचाव के लिए बचपन में टीका लगाया गया है या नहीं तो डॉक्टर्स से संपर्क कर परामर्श के मुताबिक ट्रीटमेंट चालू कर दें।

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सांस लेने में हो समस्या तो तत्काल एडमिट कराए

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोफेसर डॉ। एके गौतम ने बताया कि डिप्थीरिया का एक मात्र ट्रीटमेंट बचपन में वैक्सीनेशन कराना है। वहीं डिप्थीरिया से ग्रसित होने का लक्षण सामने आने पर पेशेंट को तत्काल आईसोलेट कर देना चाहिए। जिससे वह एक से दूसरे में न फैले। वहीं पेशेंट को सांस लेने में समस्या होने लगे तो बिना कोई लापरवाही बरते उसे किसी एक्सपर्ट डॉक्टर को दिखाकर एडमिट कर देना चाहिए।

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7 से 10 व दो सप्ताह में असर होता खत्म

एक्सपर्ट के मुताबिक डिप्थीरिया से ग्रसित पेशेंट को स्वस्थ होने में कम से कम 7 से 10 दिन और अधिकतम दो सप्ताह यानी की 14 दिन लग जाते है। इस दौरान पेशेंट को डॉक्टर के परामर्श के मुताबिक निरंतर दवा लेना चाहिए। डॉक्टर्स के मुताबिक डिप्थीरिया को लेकर लोगों में अवेयरनेस होनी चाहिए। क्योंकि इस बीमारी में कुछ दिनों की लापरवाही पर पेशेंट की जान पर बन आती है.