कानपुर (ब्यूरो): यूपी स्किल डेवलपमेंट मिशन (यूपीएसडीएम) के तहत सिटी में चलने वाले सेंटर्स में अब केवल ट्रेनिंग से काम नहीं चलेगा। सेंटर चलाने वाले ट्रेनिंग पार्टनर्स (टीपी) को अब हर कैंडीडेट का प्लेसमेंट भी कराना होगा। टीपी को उतने ही कैंडीडेट्स का पेमेंट होगा, जितनों का प्लेसमेंट हो चुका होगा। मिशन की ओर से जारी गाइडलाइन के बाद कैंडीडेट्स का तो बेनीफिट होगा लेकिन टीपी की टेंशन बढ़ गई हैैं। प्लेसमेंट के लिए टीपी को लोकल कंपनी से संपर्क करना होगा। इसके अलावा रोजगार मेलों के जरिए भी कैंडीडेट्स का प्लेसमेंट कराया जा सकता है। हालांकि प्लेसमेंट कराने का नियम पहले से ही लेकिन इस पर सख्ती इस सेशन से खास की जा रही है।

अभी तक ट्रेनिंग पर मिलता पेमेंट
अभी तक चल रही व्यवस्था की बात करें तो उसमें टीपी की ओर से कैंडीडेट्स को फ्री में ट्रेनिंग दी जाती थी। ट्रेड और कैंडीडेट्स के आधार पर मिशन की ओर से टीपी को पेेमेंट किया जाता था। पुरानी व्यवस्था में भी प्लेसमेंट कराना था लेकिन प्लेसमेंट न करा पाने पर पैसा न मिलने जैसी कोई बात नहीं थी। अब प्लेसमेंट न करा पाने पर पैसा रुक जाएगा।

बीते साल थे शहर में 35 टीपी
सेशन 2023-24 की बात करें तो 35 टीपी ने सिटी में सेंटर्स चलाकर यूथ को ट्रेंड करने का काम किया है। बीते साल हेल्थकेयर, अपैरल, आटोमोटिव, आईटी और हैैंडीक्राफ्ट समेत कई सेक्टर्स में ट्रेनिंग देकर कैंडीडेट्स को स्किल करने का दावा किया जा रहा है। बीते साल में मिले टारगेट की बात करें तो वह 5769 था, जिसको पूरा कर लिया गया है।

एक क्वार्टर बीता नहीं आया टारगेट
इस सेशन में कितने कैंडीडेट्स को ट्रेंड करना है, इसका टारगेट अभी तक नहीं मिला है। एक क्वार्टर बीतने के बाद भी टारगेट न मिलना मिशन की कार्यप्रणाली पर सवाल है। लेकिन चुनाव और आचार संहिता लगने की बात कह कर अफसर अपना पलड़ा झाड़ रहे हैैं। फिलहाल सिटी में एक से दो सेंटर चल रहे हैैं जो कि बीते साल के टारगेट पर काम कर रहे हैैं। इसके अलावा इस साल के टारगेट के लिए सिटी में एक भी सेंटर नहीं चल रहा है।

यूपीएसडीएम के तहत सभी टीपी को प्लेसमेंट कराना कंपलसरी है। ऐसा न करने पर टीपी का पेमेंट रुक जाएगा। इस साल का टारगेट अभी तक नहीं आया है। जल्द ही आने की संभावना है।
अमित पटेल, डिस्ट्रिक कोऑर्डिनेटर यूपीएसडीएम