कानपुर (ब्यूरो) कारोबारियों का खुद ही कहना है कि इस बाजार से हर माह टैक्स इनवाइस के जरिए 800 करोड़ रुपये का कारोबार होता है और इसका जीएसटी चुकाया जाता है। इतना होने के बाद भी मात्र 260 जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों ने ही अपना जीएसटी नंबर और नाम अधिकारियों को नोट कराया है। यह कुल व्यापारियों की संख्या का एक तिहाई से भी कम है। इस संबंध में कुछ कारोबारियों का कहना है कि जिनका वार्षिक कारोबार 40 लाख रुपये से कम है उन्हें जीएसटी में पंजीयन की जरूरत नहीं है। कारोबारियों के मुताबिक बाजार में दो सौ लोग ऐसे ही जिनके पास एक दुकान है। इन दुकानदारों को भी अगर बाहर कर दिया जाए तो छह सौ दुकानदार फिर भी बचते हैं, जिनका जीएसटी रजिस्ट्रेशन होना चाहिए।

जिम्मेदारी का लिखाया जा रहा पत्र
मौके पर मौजूद एसीपी अकमल खान ने बताया कि काउंटर लगाकर व्यापारियों को टोकन दिया जा रहा है। व्यापारियों से लिखित लिया जा रहा है कि अगर जर्जर कॉम्पलेक्स के अंदर जाने के दौरान कोई हादसा होता है तो इसके जिम्मेदार स्वयं होंगे। व्यापारियों की मदद के लिए उन्हें बचाव को हेलमेट और टॉर्च दिया जा रहा है। इसके साथ ही एनडीआरएफ या पुलिस का एक जवान भी व्यापारियों के साथ भेजा जा रहा है। सुबह से करीब 50 से ज्यादा व्यापारी एक-एक करके इस तरह अपनी दुकानों को देख चुके हैं। लगातार यह प्रकिया जारी है।