कानपुर (ब्यूरो) कानपुर जीआरपी थाने में मौजूद शातिर अपराधियों के मैनुअल डाटा में लगभग 50 परसेंट अपराधियों की सालों पुरानी फोटो लगी हुई है। जिससे वर्तमान में अपराधी की पहचान करना मुश्किल है। इसको देखते हुए जीआरपी अब पकड़े जाने वाले शातिर अपराधियों का डाटा मैनुअल अपडेट करने के साथ डिजिटली भी तैयार कर रही है। जिससे वर्तमान की स्थिति में अपराधी की आसानी से पहचान की हो सके।
मुख्यालय से कानपुर आए उपकरण
जीआरपी इंस्पेक्टर आरके द्विवेदी ने बताया कि ऑल इंडिया स्तर पर क्रिमिनल्स की लिस्ट तैयार करने के लिए मुख्यालय से अपराधियों के हाथ व आंख की बॉयोमीट्रिक लेने के लिए उपकरण आए है। जिसको ऑपरेट करने के लिए स्टाफ को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। उपकरणों को चालू करने के लिए ऑपरेटर बुलाया गया है। जो उपकरणों की फिटिंग कर रहा है। एक-दो दिनों में यह चालू हो जाएगी। जिसके बाद जीआरपी द्वारा पकड़े जाने वाले अपराधियों का बायोमीट्रिक डाटा भी कलेक्ट किया जाएगा।
कई गैंगेस्टर व हिस्ट्रीशीटर
जीआरपी थाने ने ट्रेनों में अपराध करने वाले दो दर्जन से अधिक अपराधियों पर गैंगेस्टर लगा है। दो दर्जन से अधिक हिस्ट्रीशीटर हैं। इनकी लिस्ट के साथ पूरा डाटा भी जीआरपी के पास है। डिजिटल डाटा न होने से कोई घटना होने पर शातिरों का करंट स्टेटस निकालने में काफी समस्या होती है। अब क्रिमिनल का ऑल इंडिया डाटा होने पर एक क्लिक पर पता चल जाएगा कि वह इंडिया के किसी भी जीआरपी थाने वर्तमान में जेल भेजा गया है या फिर बाहर धूम रहा है।
आंकड़े
- 6 हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल को दी जा रही ट्रेनिंग
- 2 टीम एक सिफ्ट में तैनात रहेंगी
- 37 से अधिक शातिर अपराधी लिस्ट में
- 28 अंतर्राज्यीय अपराधी लिस्ट में
- 287 से अधिक पैसेंजर्स ट्रेन का आवागमन
- 2.50 लाख पैसेंजर्स का डेली आवागनम