कानपुर(ब्यूरो)। स्टेशन और ट्रेनों के अंदर होने वाले क्राइम पर कंट्रोल करने और अपराधियों को दबोचने के लिए जिला पुलिस की तरह जीआरपी को भी हाईटेक किया जाएगा। साइबर क्राइम से लेकर फॉरेंसिक की बारीकियों को सिखाया जाएगा। जीआरपी के तेज तर्रार सिपाहियों को पुलिस अधिकारियों ने फारेंसिक व साइबर क्राइम की ट्रेनिंग देने की योजना बनाई है। यह ट्रेनिंग प्रयागराज में होगी। जिसके लिए इंस्पेक्टर को पांच सदस्यीय टीम को चिन्हित कर लिस्ट देने का आदेश मुख्यालय से दिया गया है।

क्रिमिनल्स बदले, जीआरपी नहीं
हाल ही में उड़ीसा के बालासोर ट्रेन हादसे में सैकड़ों लोगों की जान चली गई थी। जिसकी जांच सीबीआई कर रही है। प्राथमिक जांच के मुताबिक, सिग्नल में छेड़छाड़ के चलते दुर्घटना हुई है। इसके पहले भी रेलवे ट्रैक व सिग्नल में छेड़खानी कर ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त करने की साजिश रची गई है। इसको देखने हुए रेलवे आरपीएफ व जीआरपी सिपाहियों को अपग्रेड कर बीते 20 सालों में अपराध के बदले स्तर को समझाने के लिए टेक्निकल ट्रेनिंग भी दे रहा है।

मोबाइल, लैपटॉप सबसे ज्यादा चोरी
गौरतलब है कि वर्तमान में ट्रेनों से चोरी होने वाले मोबाइल व लैपटॉप को ट्रैक कर चोरो तक पहुंचने में जीआरपी को काफी समस्या होती है। इसका मुख्य कारण साइबर एक्सपर्ट का न होना है। चोरी की इन घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए जीआरपी को टेक्निकली एक्सपर्ट स्टाफ की जरूरत है। फारेंसिक व साइबर सेल की ट्रेनिंग लेने के बाद जीआरपी की यह समस्या भी दूर हो जाएगी।

पांच सदस्यीय टीम जाएगी
जीआरपी इंस्पेक्टर आरके द्विवेदी ने बताया कि कानपुर जीआरपी थाने से एक एसआई समेत पांच सदस्यीय टीम को ट्रेनिंग के लिए भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने फोन कर ट्रेनिंग लेने वाले स्टाफ की डिटेल मांगी थी जिसे मुख्यालय भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि यह ट्रेनिंग रीजन लेवल पर हो रही है। जहां कानपुर समेत अन्य जीआरपी थाने से भी स्टाफ ट्रेनिंग के लिए जाएगा।

आउटर पर ज्यादा वारदातें
जीआरपी इंस्पेक्टर आरके द्विवेदी ने बताया कि ट्रेन, स्टेशन परिसर व आउटर में सिग्नल समस्या की वजह से खड़ी होने वाली ट्रेनों में सबसे बड़ी संख्या में जो अपराध होता है वो चोरी और मोबाइल व पर्स छिनैती है। थाने में दर्ज होने वाले अपराधों में 80 परसेंट के लगभग अपराध चोरी के होते हैं। इसमें मोबाइल, लैपटॉप व लगेज चोरी होता है। टेक्निकल टीम न होने की वजह से मोबाइल को ट्रेस कर घटना का खुलासा करने में काफी समय लगता है।

आंकड़े
- 2 लाख से अधिक पैसेंजर्स का डेली आवागमन
- 276 से अधिक ट्रेनों का डेली आवागमन
- 2 से 3 चोरी की घटनाएं रोजाना दर्ज होती हैं
- 5 सदस्यों की जीआरपी टीम ट्रेनिंग पर जाएगी

जीआरपी के तेज तर्रार स्टाफ को फारेंसिक, साइबर व अन्य तरह की टेक्निकल ट्रेनिंग दी जाएगी। टीम में टेक्निकल एक्सपर्ट होने से अपराधियों को पकडऩे में काफी आसानी रहेगी।
आरके द्विवेदी, इंस्पेक्टर, जीआरपी, कानपुर सेंट्रल स्टेशन