कानपुर(ब्यूरो)। सब्जियों और फलों में कुदरत ने इतने गुण भर रखे हैं कि इन्हें खाकर आप स्वस्थ्य जीवन जी सकते हैं। लेकिन, अधिक कमाई और ज्यादा से ज्यादा उत्पादन के लिए केमिकल वाले पेस्टीसाइड का यूज बहुत ज्यादा हो गया है जिसके दुष्प्रभाव से तो सभी वाकिफ हैैं। ऐसे में सभी की चाहत होती है कि उसको आर्गेनिक सब्जियां और फल खाने को मिलें लेकिन बाजार में उनकी उपलब्धता न के बराबर है और काफी महंगी भी हैं। ऐसे में वल्र्ड वेजीटेरियन डे के मौके पर हम आपको बता रहे हैं कि आप स्वयं से किस तरह फार्मिंग करके आर्गेनिक सब्जियां और फल उगा सकते हैैं। आज हम आपको फार्म हाउस में फार्मिंग के पैटर्न और प्रोसेस को बताएंगे। अगर आपने इन पैटर्न को फॉलो किया तो आप मनपंसद सब्जी और फलों का टेस्ट ले सकेंगे। साथ ही हेल्दी भी रहेंगे। फार्म हाउस की फार्मिंग मेें आप जलवायु के अनुसार फल और सब्जियां बो सकते हैैं।

शहर की मिट्टी है बेस्ट, करा लें जांच
सीएसए के स्वाइल साइंटिस्ट डॉ। खलील खान ने बताया कि कानपुर की मिट्टïी बलुई दोमट है। यह हर प्रकार की सामान्य फसल के लिए बेस्ट है। गंगा किनारे वाले एरिया में पाई जाने वाली मिट्टïी में वाटर होल्डिंग कैपिसिटी कम हैैं, जिसको वैज्ञानिक तरीकों से ठीक किया जाता है। यदि आप फार्म हाउस में फार्मिंग करने जा रहे हैैं तो सबसे पहले स्वाइल टेस्टिंग अवश्य करा लें। इसके लिए सीएसए के सभी कृषि विज्ञान केंद्रों और सीएसए कैंपस में टेस्टिंग की फैसिलिटी अवेलेबल है। यहां पर सरकारी दाम में टेस्टिंग हो जाती हैैं।

पालीहाउस, नेटहाउस भी बना सकते
आप फार्महाउस में पालीहाउस या नेटहाउस बनाकर भी फार्मिंग कर सकते हैैं। पालीहाउस में आप क्लाइमेंट को कंट्रोल करके फसल का प्रोडक्शन कर सकते हैैं। यहां रोग लगने की संभावना भी न के बराबर रहती है। इसके अलावा नेट हाउस में प्रोडक्शन करने पर फसल रोग रहित रहती है। यहां पर क्लाइमेट कंट्रोल नहीं किया जा सकता है। पालीहाउस बनाने का खर्च 2000 रुपए प्रति स्क्वायर मीटर हैै। इसमें सरकार की ओर से सब्सिडी भी दी जाती है। आर्गेनिक फार्मिंग किसी भी केमिकल वाले पेस्टीसाइड या मेडिसीन का यूज नहीं करना हैै। यहां पर फसल में रोग लगने पर नीम आयल, नाडेप कंपोस्ट, बर्मी कंपोस्ट, गोबर कंपोस्ट, वर्मी वाश आदि का यूज करते हैैं।

सीएसए से ले सकते बीज, पौधे
अगर आप फार्मिंग करने का विचार कर रहे हैैं तो सीएसए से आपको सरकारी दाम पर बीज और पौधें मिल जाएंगे। फसल के प्रोडक्शन में बीज या पौधे का विशेष महत्व होता है इसलिए इन दोनों चीजों को वेरिफाइड जगह से ही लें।


अगर आपके पास जगह है तो खुद की फार्मिंग से बेहतर कुछ भी नहीं हैै। फार्म हाउस में तो सभी फल और सब्जियों दोनों को बोया जा सकता है। मिट्टी की जांच, बीज या पौधों के लिए सीएसए का सहयोग लें। खुद की फार्मिंग कर रहे हैैं तो आर्गेनिक ही करें। इससे स्वस्थ भी रहेंगे, इसके अलावा टेस्टी और फ्रेश सब्जियां और फल खाने को मिलेंगे।
डॉ। डीपी सिंह, प्रभारी अधिकारी (एक्रिप - सब्जी फसल), सीएसए