कानपुर (ब्यूरो)। रिसर्च करने वालों के लिए गवर्नमेंट ने फेलोशिप को बढ़ा दिया है। सेंट्रल गवर्नमेंट की मिनिस्ट्री ऑफ एजूकेशन ने जूनियर रिसर्च फेलो (जेआरएफ), सीनियर रिसर्च फेलो (एसआरएफ) और रिसर्च एसोसिएट (आरए) की फेलोशिप को बढ़ाने का डिसीजन लिया है। बढ़ी हुई फेलोशिप एक जनवरी 2023 से लागू होगी। मिनिस्ट्री आफ एजूकेशन के अंतर्गत आने वाले सभी हायर एजूकेशनल इंस्टीट्यूटस में बढ़ी फेलोशिप को लागू किया जाएगा।

रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा
मिनिस्ट्री आफ एजूकेशन ने अपने आफिशियल ट्वीटर अकाउंट में ट्वीट करते हुए लिखा कि रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए फेलोशिप को बढ़ाया गया है। इस फेलोशिप के बढऩे से सरकार पर 725 करोड़ का अतिरिक्त खर्च बढ़ेगा। इसके बावजूद सरकार ने बेस्ट रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आर एंड डी) सिस्टम डेवलप करने के लिए इस कदम को उठाया है।

सिटी में यहां होती है रिसर्च
रिसर्चर्स की स्कॉलरशिप बढ़ाने के डिसीजन से सिटी मेें रिसर्च करने वालों की फाइनेंशियल क्राइसिस खत्म हो जाएगी। यहां पर आईआईटी, आईआईपीआर, सीएसजेएमयू, सीएसए, एचबीटीयू, एनएसआई में रिसर्चर्स काम करते हैैं। इन संस्थानों ने कई टेक्नोलॉजिज को डेवलप करके देश को दिया है। बढ़ी हुई स्कॉलरशिप का बेनीफिट इन इंस्टीट्यूट्स के रिसर्च स्कॉलर्स को मिलेगा।

अब मिलेगी महीने में इतनी फेलोशिप

जूनियर रिसर्च फेलो (जेआरएफ) - 37000
सीनियर रिसर्च फेलो (एसआरएफ) - 42000
रिसर्च एसोसिएट 1 - 58000
रिसर्च एसोसिएट 2 - 61000
रिसर्च एसोसिएट 3 - 67000

यह होगा फायदा
रिसर्च कर रहे स्टूडे्ंट्स को कंटेंट, सैैंपल और रिफरेेंस आदि के लिए अक्सर बाहर आना जाना पड़ता है। इसके अलावा दूर दराज आने जाने और वहां टिकने में भी खर्च आता है। इसके अलावा बुक्स खरीदने, टेस्टिंग कराने और उपकरणों को खरीदने में भी खर्च आता है। फेलोशिप के बढऩे से रिसर्च करने वालों का यह संकट खत्म होना माना जा रहा है।