कानपुर (ब्यूरो)। जीएसवीएम मेडिकल कालेज से संबद्ध सभी हॉस्पिटल में बेहतर चिकित्सीय सेवाओं के लिए गोल्डन पैरामीटर बनाए गए हैं। इन पैरामीटर का पालन मेडिकल कालेज के सभी एचओडी को करना होगा। इस पैरामीटर में उनके विभाग में आपरेशन, शोध, ओपीडी, इनडोर और भर्ती हुए मरीज मरीजों की संख्या और उनके मिले इलाज के सुझाव को अनिवार्य कर दिया गया है। इसके साथ ही तीमारदार के साथ मेडिकल छात्रों की लड़ाई और स्टाफ नर्स का व्यवहार भी इस पैरामीटर में शामिल किया जाएगा। इस गोल्डन पैरामीटर चिकित्सीय सुविधाओं को बेहतर करने की योजना बनाई गई है।

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पेशेंट्स से लिया सजेशन

जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल प्रो। संजय काला ने बताया कि हैलट में शहर के साथ आस-पास 16 जिलों के मरीज बेहतर इलाज के लिए आते हैं। ऐसे में मरीजों को चिकित्सीय सुविधाएं देने के साथ उनके हित में किए गए कार्य पर भी नजर रखी जाएगी। हर विभागाध्यक्ष को संबंधित विभाग में इलाज के लिए भर्ती किए गए मरीज के सुझाव को सुरक्षित करने और किए गए शोध कार्य का विवरण मांगा जाएगा। गोल्डन पैरामीटर का उद्देश्य विभागों में विभागाध्यक्षों की सक्रियता को बढ़ाने और उनकी देखरेख में कार्य कर रहे स्टाफ को मरीजों के प्रति बेहतर व्यवहार का पाठ पढ़ाना है। इसमें विभागवार रेजीडेंट और नर्स के मरीज व उनके तीमारदार से व्यवहार को भी शामिल किया जाएगा।