कानपुर (ब्यूरो) एफएसडीए के ऑफिसर्स के मुताबिक, शहर में लगभग डेढ़ लाख फूड शॉप्स संचालित हो रही हैं। इनमें बड़ी संख्या में बिना फूड लाइसेंस के चल रही हैं। फि वो सब्जी-पूड़ी की शॉप हो या चाय समोसा की। या कैफे, रेस्टोरेंट और होटल हों। ऐसे में अब इन पर लगाम कसने की तैयारी की गई है। ऑफिसर्स के बताया कि दुकानों में लाइसेंस की चेकिंग के लिए टीम का गठन कर दिया गया है।
इसलिए उठाया गया कदम
फूड विभाग की टीम आए दिन शहर में जगह-जगह छापेमारी कर मिलावटखोरों को पकड़ रही है, बावजूद इस पर लगाम नहीं लग पा रहा है। जिसकी वजह से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इसी को सही करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
इन जगहों पर अधिक दुकानें
पीरोड, शास्त्री नगर, गोविंद नगर, किदवई नगर, घंटाघर, मोतीझील, स्वरूप नगर, गुमटी नंबर-5, कल्याणपुर, काकादेव, विजयनगर, रावतपुर, नवाबगंज समेत अन्य एरियाज में अधिक खानपान की दुकानें हैं।
तीन तरीके के होते हैं लाइसेंस
बेसिक फूड लाइसेंस: यह लाइसेंस उन लोगों के लिए है, जिनका सालाना कारोबार 12 लाख से कम है। खानपान से संबंधित व्यापार करने वाले लोगों को यह लाइसेंस लेना अनिवार्य है।
स्टेट फूड लाइसेंस: जिनका सालाना कारोबार 12 लाख से अधिक है और बीस करोड़ से कम है। उनका व्यापार खाद्य उत्पादकों से संबंधित है तो उन लोगों को स्टेट फूड लाइसेंस लेना होता है।
सेंट्रल फूड लाइसेंस: जिस बिजनेस में टर्नओवर बीस करोड़ से अधिक है, साथ-साथ उन लोगों की एक से अधिक राज्य में शाखाएं हैंं या दूसरे देश से एक्सपोर्ट इम्पोर्ट हो रहा है, तो इस लाइसेंस लेना होता है।
यह भी जानिए
- आप बेसिक फ़ूड लाइसेंस बनवा रहे हैं तो फीस सौ रुपये प्रति वर्ष पड़ेगी
- स्टेट फूड लाइसेंस के लिए दो हजार रुपए हर साल फीस लगेगी
- सेंट्रल फूड लाइसेंस के लिए साढ़े सात हजार रुपए तक देने पडं़ेंगे
ऐसे बनवाएं फूड लाइसेंस
- एफएसएसएआई की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं
- ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करें, नया पेज ओपन होगा
- यहां आपको अपने स्टेट और सिटी का नाम बताना होगा
- व्यवसाय के बारे में पूरी जानकारी भरनी होगी
- अपने टर्नओवर के प्रकार को चुनना होगा
- टर्नओवर के हिसाब से रजिस्ट्रेशन फॉर्म मिलेगा
- फॉर्म में जानकारी और दस्तावेज को अपलोड करना होगा
- लाइसेंस का आवेदन शुल्क जमा करना होगा
- अगले दिन में संशोधन टीम वेरिफिकेशन करेगी
- करीब 45 से 60 दिन के अंदर आपको लाइसेंस मिलेगा
फैक्ट फाइल
- 1.50 लाख से अधिक फूड शॉप्स शहर में
- 06 टीमें एरिया वाइज करेंगी चेकिंग
- 10 हजार से अधिक दुकानें बिना लाइसेंस की
क्या बोले कानपुराइट्स (फोटो भी है)
- खाद्य पदार्थो में अक्सर मिलावट रहती है, ऐसे में अगर सभी दुकानदारों के पास लाइसेंस होगा तो मिलावट पर लगाम लगेगी।
पंकज कुमार
- गली, मोहल्ले, चौराहे और मार्केट में हर जगह खाने पीने की दुकानें हैं। अगर यह सिस्टम लागू होगा तो राहत मिलेगी।
राजकुमार
-सिर्फ फेस्टिव सीजन में फूड विभाग अलर्ट होता हैै और फिर शांत हो जाता है। अगर हमेशा टीम अलर्ट रहे तो मिलावट पर रोक लगेगी।
राजन
- मिलावटी खाना हमारी सेहत के लिए काफी खतरनाक है, ऐसे में इस पर लगाम लगाने के लिए अच्छा कदम है।
सुमित सिंह