- तीन युवकों ने बंधक बनाकर की हैवानियत, रिपोर्ट दर्ज होने और मजिस्ट्रेटी बयान के बाद भी पुलिस ने नहीं की गिरफ्तारी
-एक महीने से थाने के चक्कर काट रहे थे परिजन, जान से मारने की धमकी देकर समझौते का दबाव बना रहे थे पीडि़त
KANPUR : बेटियों के लिए शायद इस देश में कोई जगह सुरक्षित नहीं है। सिर्फ शहर के नाम बदलते हैं लेकिन बेटियों के लिए हालात नहीं। हैदराबाद और उन्नाव की हैवानियत भरी घटनाओं के बीच कानपुर से भी हैरान करने वाला मामला सामने आया है। गैंगरेप की पीडि़त युवती ने आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर जान दे दी। परिजनों का आरोप है कि मजिस्ट्रेटी बयान के बाद भी पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया बल्कि समझौते का दबाव बना रही है। परिजन आरोपियों के साथ ही पुलिस को भी युवती की मौत का जिम्मेदार बता रहे है। एसओ का कहना है कि कानपुर देहात के रूरा का मामला है। वहां की पुलिस को जानकारी दे दी गई है।
तीन दिन तक हैवानियत
16 साल की पूजा (दोनों काल्पनिक नाम) 11 नवंबर को घर से किसी काम को निकली थी। तभी गांव के सन्नी, लाला और रिंकू उसे बंधक बनाकर एक मकान पर ले गए। वहां पर तीनों ने बारी बारी से उसका रेप किया। आरोपी युवक तीन दिन तक बंधक बनाकर उसके साथ हैवानियत करते रहे। तीनों को जब पता चला कि पूजा के पिता ने उसके गुमशुदा होने की एफआईआर दर्ज कराई है तो तीनों ने मुंह खोलने पर जान से मारने की धमकी देते हुए उसे छोड़ दिया। पूजा बदहवास हालत में घर पहुंची। उसने परिजनों को आपबीती बताई तो उनके होश उड़ गए। परिजनों ने बेटी को थाने ले जाकर तीनों के खिलाफ रेप की धारा में रिपोर्ट दजर्1 कराई।
बहन के घर पर लगाई फांसी
रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी पीडि़त और उसके परिजन आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए थाने के चक्कर लगा रहे थे। यहां तक कि पीडि़त के मजिस्ट्रेट के सामने बयान (164) दर्ज कराने पर भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुए। इधर आरोपी पीडि़ता और उसके परिजनों को धमकाते हुए समझौते का दबाव बना रहे थे। जिससे पीडि़ता का परिवार सहम गया और बेटी को चौबेपुर निवासी बहन के घर भेज दिया। परिजनों ने पोस्टमार्टम हाउस में मीडिया को बताया कि पीडि़ता रोज फोन कर पिता से आरोपियों की गिरफ्तारी के बारे में पूछती थी। इतने दिनों बाद भी गिरफ्तारी नहीं होने से वह आहत थी और खुदकुशी कर अपनी जान दे दी।