कानपुर (ब्यूरो) बर्रा निवासी एक महिला की 16 साल की बेटी 14 जनवरी की शाम को लापता हो गई थी। किशोरी की मां ने थाने में तहरीर देकर गुमशुदगी दर्ज कराने का अनुरोध किया था। तहरीर में लिखा गया था कि बेटी सहेली के घर किताब लेने गई थी। वहां उसने किताब ली और वापस नहीं लौटी। बर्रा पुलिस ने इस मामले में नियमानुसार कार्रवाई करते हुए किशोरी की गुमशुदगी को अपहरण की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया।
दो दिन बाद पहुंची थी घर
दो दिन बाद पीडि़त किशोरी घर पहुंची और बयान दिया कि उस रात जब घर लौट रही थी तो श्रीराम पैलेस के पास कार सवार ङ्क्षप्रस ठाकुर, विकास राजपूत, ऋषि व सिद्धांत उसे कार में जबरन डालकर अज्ञात स्थान पर ले गए। दो दिनों तक उसके साथ गैैंगरेप हुआ। जब उसकी हालत खराब हुई तो किसी को कुछ न बताने की धमकी देकर अभियुक्तों ने उसे छोड़ दिया.आरोप है कि वह शिकायत लेकर बर्रा थाने पहुंची और पूरा घटनाक्रम बताया तो पुलिस ने अपहरण वाली एफआईआर में हाथ से गैैंगरेप की धारा 376डी लिखा और घर जाने को कहा। बाद में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा। उन्हें यही लग रहा था कि आरोपियों का चालान अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म, धमकी और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में हुआ है। मगर 31 जनवरी को अदालत से उनके पास बयान दर्ज करने का सम्मन पहुंचा तो उनके होश उड़ गए। पुलिस ने आरोपितों का चालान सामूहिक दुष्कर्म नहीं बल्कि छेड़छाड़ की धारा 354ए में किया है।
मेरा नार्को टेस्ट कराओ
पुलिस कार्यालय पहुंची पीडि़ता ने अधिकारियों को बताया कि थाने जाने पर उसे दुत्कार मिली। उन्हें जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया गया। वह झूठ नहीं बोल रही है। अगर पुलिस को शक है तो उसका नार्को टेस्ट कराया जाए। पीडि़ता अपने साथ चारों अभियुक्तों की फोटो भी लाई थी।
शिकायत मिली है। जांच के आदेश दिए गए हैं। अगर आरोप सही निकले तो आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।
ब्रजेन्द्र द्विवेदी, एडिशनल डीसीपी मुख्यालय