-नेशनल गंगा काउंसिल की पहली मीटिंग में पहुंचे पीएम मोदी ने दिया मंत्र, नमामि गंगे को अर्थ गंगा में बदलने को कहा
-गंगा को इकोनामिक एक्टीविटीज का सेंटर बनाने का दिया संदेश, रिलीजिएस व एडवंचरस टूरिज्म का केंद्र बनेगी गंगा
KANPUR: अब गंगा को निर्मल-अविरल बनाने में पर केवल खर्च ही नहीं होगा, बल्कि गंगा अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए इनकम का सोर्स भी बनेगी। जिससे गंगा को सतत निर्मल बनाए रखने में आसानी हो। सैटरडे को हुई सीएसए में नेशनल गंगा काउंसिल की मीटिंग में पीएम मोदी ने कुछ यही मंत्र दिया। उन्होंने नमामि गंगे को अर्थ गंगा में बदलकर गंगा को इकोनॉमिक एक्टिविटीज का सेंटर बनाने को कहा। जिसमें रिलीजियस व एडवेनचरस व ईको टूरिज्म, गंगा वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन, क्रूज टूरिज्म, वाटर स्पोर्ट्स आदि श्ामिल हों।
एग्जीबिशन में दिखाए अब तक के काम
नेशनल गंगा काउंसिल की पहली मीटिंग सैटरडे को सीएसए में हुई। प्राइम मिनिस्टर नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस मीटिंग में उत्तराखंड के सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी, यूनियन मिनिस्टर नरेन्द्र सिंह तोमर, गजेन्द्र सिंह शेखावत, प्रकाश जावड़ेकर, डॉ। हर्ष वर्धन, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार आदि मिनिस्टर व सीनियर ऑफिसर शामिल हुए। मीटिंग से पहले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चन्द्रशेखर आजाद को पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होने नमामि के तहत किए जा रहे कार्यो को लेकर प्रदश्र्1ानी भी देखी।
इस तरह गंगा बनेगी इकोनॉिमक सेंटर
सैटरडे को नेशनल गंगा काउंसिल की मीटिंग में पीएम मोदी ने कहा कि गंगा से जुड़ी हुई इकोनॉमिक एक्टिविटीज को ध्यान में देखकर एक सतत विकास मॉडल के तहत नमामि को अर्थ गंगा में बदलने की सोच डेवलप की जाए। इसमें रीवर बैंक में फ्रूट्स ट्री लगाए जाए, नर्सरीज, वाटर स्पोर्ट्स के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप किए जाए, कैम्प साइट, साइकिल ट्रैक व पॉथवे बनाए जाए। जीरो बजट फॉर्मिग को प्रोत्साहित किया जाए। जिससे गंगा रीवर व इसके बेसिन एरिया में रिलीजियस व एडवेनचरस टू्ररिज्म डेवलप के रूप में मदद मिले सके। गौरतलब है कि गंगा से प्रोजेक्ट्स के लिए बजट सेंट्रल गवर्नमेंट क्लीन गंगा फंड (सीजीएफ)बनाया है। जिसमें एनआरआई, कॉरपोरेट व पर्सनली लोग सहयोग कर रहे हैं। प्राइम मिनिस्टर ने वर्ष 2014 के बाद से मिले उन्हें गिफ्ट्स की नीलामी और सियोल शांति पुरस्कार से मिली 16.53 करोड़ रुपए भी सीजीएफ में दिए हैं।
डिजिटल डैश बोर्ड
नमामि गंगे और अर्थ गंगा के अर्न्तगत योजनाओं व एक्टीविटीज की निगरानी के लिए एक डिजिटल डैश बोर्ड बनाने को कहा। जिसके जरिए नीति आयोग और जल शक्ति मंत्रालय के द्वारा अरबन, रूरल बॉडीज के डेटा की आसानी से निगरानी हो सके। उन्होंने कहा कि गंगा के किनारे स्थित सभी डिस्ट्रिक्ट को नमामि गंगे के अर्न्तगत हो रहे कार्यो की निगरानी के सेंटर बनाया जाए।
अभी बहुत किया जाना बाकी
इससे पहले प्राइम मिनिस्टर गंगा को स्वच्छ बनाने के चल रहे कार्यो की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि मां गंगा उप-महाद्वीप की सबसे पवित्र नदी है। गंगा का कायाकल्प देश के लिए बहुत से चुनौती बना हुआ है। 2014 से अभी तक गवर्नमेंट ने गंगा से पाल्यूशन खत्म करने, उसके संरक्षण को बहुत कुछ किया। टेनरीज के पाल्यूशन में कमी आई है। कागज मीलों से रद्दी को पूरी तरह समाप्त करने में सफलता मिली है। पर अभी इस दिशा में बहुत कुछ किया जाना बाकी है। सेंट्रल गवर्नमेंट ने 2015-20 के बीच 20 हजार करोड़ करने का टारगेट किया था। जिससे जिन 5 स्टेट से गंगा होकर गुजरती है, उनमें पर्याप्त जल प्रवाह बना रह सके। नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स बनाने में अब तक 7700 करोड़ रुपए खर्च किए जा सके।