कानपुर (ब्यूरो) सिविल लाइंस एम्पोरियम एस्टेट निवासी फैज उर रहमान ने 12 जून को कोतवाली में दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया था कि 30 अप्रैल से उन्होंने शेयर ट्रेङ्क्षडग का काम शुरू किया था। वह आईडेक्स आनलाइन डाट काम पर निवेश कर रहे थे। लाभ मिलने पर उन्होंने 11 लाख रुपये एक साथ निवेश कर दिए थे। जिसके बाद वेबसाइट क्रैश हो गई और रुपयों की ठगी हो गई थी। मामले की पड़ताल करते हुए क्राइम ब्रांच ने 18 जुलाई को आगरा के सगे भाइयों विकास और विक्रम, नितिन सोनी और राहुल नागर को गिरफ्तार करके जेल भेजा था।
सीबीआई से मांगी गई मदद
पुलिस आयुक्त बीपी जोगदण्ड ने बताया कि क्राइम ब्रांच की टीम ने गुरुग्राम हरियाणा निवासी यश यादव, भवानीगंज सिद्धार्थ नगर निवासी श्रवण यादव और बबेरू बांदा निवासी अनुपम द्विवेदी को गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि चीन का नागरिक बी बोज उर्फ वीबी गिरोह का सरगना है। मास्टरमाइंड के साथ जूली नाम की एक चाइनीज महिला भी शामिल है। कमिश्नर ने बताया कि गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है।
इनवेस्टमेंट के नाम पर
मास्टरमाइंड वीबी लोगों को ठगने के लिए तीन अलग-अलग पैतरे अपनाता था। पहले कमोडिटी एक्सचेंज और क्रिप्टो करेंसी में निवेश के लिए इंटरनेट मीडिया पर ङ्क्षलक भेजते थे। मोटी रकम आने पर वेबसाइट क्रैश कर देते हैं। दूसरा पैतरा आनलाइन खेले जाने वाले गेम एप के जरिये आजमाता था। इसमें ङ्क्षलक भेजकर उसकी सारी जानकारी जुटाने के बाद बड़ी रकम ट्रांसफर करा वेबसाइट क्रैश करते थे। तीसरा पैतरा लाटरी और लोन दिलाने के नाम पर वेबसाइट से ङ्क्षलक भेजकर कम समय और औपचारिकता का झांसा देकर ठगी करते थे।
फर्जी कम्पनियां, 27 करोड़ ट्रांजेक्शन
सैटरडे को पकड़े गए यश और श्रवण ने कई अलग-अलग फर्जी कंपनियां बना रखी हैं। इनके चार खातों के बारे में जानकारी मिली है। 27 करोड़ का ट्रांजेक्शन होना सामने आया है। श्रवण के खाते में जो रकम आती थी। उससे वह क्रिप्टो करेंसी में बदलकर वीबी के बताए खाते में ट्रांसफर करता था। इसके लिए बीएससी इंटीरियर डिजाइनर की पढ़ाई कर चुका यश खाते और एटीएम का इंतजाम करता था, जबकि तीसरा आरोपित अनुपम कोरियर और लीगल एडवाइजर का काम संभालता था।