कानपुर (ब्यूरो) दरअसल पिछले वर्ष अक्टूबर में रायपुरवा थाना क्षेत्र से एक किशोरी गायब हो गई थी। फैमिली की ओर से मोहल्ले के युवक पर बहला-फुसलाकर भगा ले जाने का आरोप लगाया गया था। फैमिली मेंबर्स ने उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया था। थाना प्रभारी अमान ङ्क्षसह ने बताया कि जांच में आरोप सही नहीं पाया गया। इस बीच पता चला कि बदायूं के कलिया काजिमपुर निवासी नत्थूलाल के घर किशोरी आई है, जिसे बाहर नहीं निकलने दिया जाता। इस सूचना पर पुलिस ने वहांं छापा मारा तो किशोरी बरामद हो गई।

सरगना बताता था गलत नाम
किशोरी ने पुलिस को बताया कि वह घर से नाराज होकर अनवरगंज रेलवे स्टेशन पहुंची, जहां उसे पुष्पा नाम एक महिला मिली। उसने बेहतर जीवन का झांसा देकर अपने साथ ले चलने के लिए तैयार कर लिया। इसी दौरान उसे खाने में कुछ देकर बेहोश कर दिया गया। उसे किसी अज्ञात स्थान पर ले जाया गया। पुष्पा और उसके पति राजू ने पहले उसे बदायूं के ही हरेंडी निवासी धनपाल को बेचा.धनपाल ने उसे भकरौली निवासी गूड्डू को बेच दिया। बाद में गुड्डू ने शाहजहांपुर के नईबस्ती भौली कीलापुर निवासी हरि ङ्क्षसह की मदद से नत्थूलाल को बेच दिया। पुलिस ने रैकेट के सरगना एटा निवासी इकबाल उर्फ राजू (एटा) व उसकी पत्नी चांदनी उर्फ पुष्पा को भी अरेस्ट कर लिया। यह लोग अपना नाम राजू और पुष्पा बताते थे, मगर दोनों मुस्लिम हैं। राजू का वास्तविक नाम इकबाल और पुष्पा का वास्तविक नाम चांदनी है। बदायूं निवासी धनपाल, नत्थूलाल व कालिया व गुड्डू (बदायूं), हरि ङ्क्षसह (शाहजहांपुर) को भी गिरफ्तार किया गया।

70 हजार रूपए तक कीमत लेते
पुलिस जांच में सामने आया है कि गिरोह मुसीबत में फंसी या घर से भागी लड़कियों को बरगला करके अगवा कर लेता था। इसके बाद उन्हें 25 हजार से 70 हजार रुपये तक में बेचा जाता। पूछताछ में सामने आया है कि गिरोह के तार बिहार से भी जुड़े हैं, जहां की पांच लड़कियों को उन्होंने विभिन्न स्थानों पर बेचा है। शाहजहांपुर की भी दो लड़कियों को बेचे जाने की बात सामने आई है। हेडिंग- किशोरी तलाश में पकड़ा गया लड़कियां बेचने वाला गैंग
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