अभियोक्ता लुईस मोरेनो ओकांपो का कहना है कि सैफ़ अल इस्लाम के साथ ये बातचीत मध्यस्थ की मदद से हुई। अदालत का कहना है कि गद्दाफ़ी के बेटे पर हाल ही में लीबिया में हुए संघर्ष के दौरान मानवाधिकारों के हनन और मानवता के खिलाफ़ अपराध करने के आरोप लगे हैं।
अदालत का कहना है कि उनके ख़िलाफ़ निष्पक्ष रुप से मुक़दमा चलाया जाएगा। 39 वर्षिय सैफ़ अल इस्लाम कई महीनों तक छिपे रहे थे।
अंतर्राष्ट्रीय अपराध अदालत के अनुसार सैफ़ अल इस्लाम के साथ बातचीत करने के लिए अप्रत्यक्ष तौर पर मध्यस्थों की मदद ली गई है।
अभियोगपक्ष का कहना है कि अदालत ने सैफ़ अल इस्लाम को ये बता दिया है कि उन पर मानवता विरोधी अपराध करने के आरोप हैं लेकिन जब तक ये अपराध सिद्ध नहीं हो जाते तब तक वे बेगुनाह़ हैं।
महीनों से गायब।
सैफ़ एक समय में मुआम्मर गद्दाफ़ी के उत्तराधिकारी के तौर पर जाने जाते थे लेकिन पिछले कई महीनों से लापता हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से ऐसी ख़बरें आ रहीं थी कि सैफ़ अल इस्लाम को नीज़ेर से सटे लीबिया के जंगलों की तरफ जा रहे गद्दाफ़ी समर्थकों के काफ़िले में देखा गया है। लेकिन इन ख़बरों की पुष्टि अब तक नहीं हो पाई है और अंतर्राष्ट्रीय अपराध अदालत का कहना है कि उन्हें सैफ़ के ठिकाने के बारे में पता नहीं है।
अंतर्राष्ट्रीय अपराध अदालत के अभियोक्ता लुईस मोरैनो ओकैंपो ने एक पत्र जारी करते हुए कहा है कि अपराध अदालत चाहता है कि सैफ़ कोर्ट के सामने पेश हो।
ब्यौरे में ये साफ-साफ कहा गया है कि अगर सैफ़ अल इस्लाम अपराध अदालत के सामने समर्पण करते हैं तो उन्हें अपनी बात अदालत में कहने का पूरा हक़ है, और जब तक उनपर लगे आरोप सिद्ध नहीं हो जाते तब तक वे बेगुनाह़ हैं। अंतर्राष्ट्रीय अपराध अदालत ने जून महीने में सैफ़ के खिलाफ़ हत्या और उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए वारंट जारी किया था।
ज़िम्बाब्वे में शरण।
इन दस्तावेज़ों में कहा गया है कि सैफ़ ने फरवरी महीने में गद्दाफी़ की सेना के द्वारा लीबिया के नागरिकों पर किए गए हमलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
मोरैनो ओकैंपो का कहना है कि अपराध अदालत को अनौपचारिक सूत्रों से पता चला है कि सैफ़ भाड़े के लोगों के सहारे किसी ऐसे देश में शरण ले सकते हैं जो अंतर्राष्ट्रीय अपराध अदालत के नियमों को नहीं मानता।
अपराध अदालत के अभियोक्ता ये भी समझने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या वो ऐसे किसी देश की वायुसीमा में घुसकर सैफ़ अल इस्लाम को गिरफ्तार कर सकते हैं।
ऐसा माना जा रहा है कि सैफ़ अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत से बचने के लिए ज़िम्बाब्वे में शरण ले सकते हैं। ज़िम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे और मुआम्मर गद्दाफी़ लंबे अर्से तक दोस्त रहे हैं। लीबिया के पूर्व शासक मुआम्मर गद्दाफ़ी की सत्ता से बेदखल किये जाने के बाद पिछले हफ्ते गोलियों से घायल होने के बाद मौत हो गई थी।
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