कानपुर (ब्यूरो) एडीजी, आईजी व मंडलायुक्त व अन्य अधिकारी दिनभर परिजनों से बातचीत कर उन्हें मनाने की कोशिश करते रहे लेकिन बात नहीं बनी। परिजन पांच करोड़ रुपए मुआवजा, मुख्यमंत्री को मौके पर बुलाने, आरोपियों की गिरफ्तारी व अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। आखिर में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से वीडियो कॉल पर वार्ता कराई गई, इस दौरान दोनों लडक़े रो पड़े। डिप्टी सीएम से एक-एक करोड़ मुआवजा, सरकारी नौकरी, आवास, पेंशन, सुरक्षा समेत अन्य मांग की गई। इस पर डिप्टी सीएम ने हामी भर दी।
24 घंटे बाद उठ सके शव
शासन के शर्तें मानने पर घटना के करीब 24 घंटे बाद मां बेटी के शव घटनास्थल से उठाकर पोस्टमार्टम को भेजे जा सके। एहतियातन गांव में पीएसी तैनात कर दी गई है। वहीं गांव के रास्ते पर चार जगह बैरीकेङ्क्षडग की गई थी, जिससे विरोध प्रदर्शन करने वाले न पहुंच सकें और एक एक वाहन सवार से पूछताछ के बाद जाने दिया गया। हर किसी की बाइक नंबर और पहचान के बाद ही अंदर जाने दिया जा रहा था। सपाइयों को मैथा चौकी तो कांग्रेसियों को बारा टोल पर हिरासत में ले लिया गया। शाम को उन्हें छोड़ा गया।
ये था पूरा मामला
मड़ौली में ग्राम समाज की जमीन पर कृष्णगोपाल दीक्षित का परिवार झोपड़ी डालकर व पशुबाड़ा बनाकर परिवार के साथ रहता था। इसे अवैध अतिक्रमण बताते हुए गांव के लोगों ने शिकायत की थी। सोमवार को एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल अशोक चौहान रूरा पुलिस टीम लेकर कब्जा गिराने पहुंचे थे। इस दौरान कृष्णगोपाल की पत्नी प्रमिला व उनकी बेटी नेहा कार्रवाई का विरोध करते हुए झोपड़ी के अंदर गईं और कुछ देर में झोपड़ी में आग लग गई। इसके बावजूद झोपड़ी पर बुलडोजर चला दिया गया। आग में मां-बेटी जिंदा जल गई। भारी पुलिस बल और अधिकारी होने के बावजूद दोनों को बचाने का प्रयास नहीं किया गया।
42 लोगों पर केस दर्ज
मामले के तूल पकडऩे के बाद देर रात एसडीएम, लेखपाल, रूरा एसओ दिनेश गौतम समेत नामजद व अज्ञात कुल 42 लोगों पर हत्या व अन्य धाराओं में मुकदमा किया गया था। सोमवार पूरी रात एडीजी आलोक ङ्क्षसह, आईजी प्रशांत कुमार, मंडलायुक्त डा। राजशेखर व एसपी बीबीजीटीएस मूर्थि डटे रहे। देर रात से लेकर मंगलवार सुबह तक अधिकारी बेटे शिवम, वंश व बहू शालिनी से वार्ता में लगे रहे। शिवम ने मांग रखी कि परिवार को पांच करोड़ मुआवजा दिया जाए, मुख्यमंत्री को गांव बुलाया जाए व जो नामजद किए गए हैं उन अधिकारियों की गिरफ्तारी के साथ बर्खास्तगी हो। इसके अलावा जिन्होंने उनकी सुनवाई नहीं उन अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो।
संगठन के लोग भी पहुंचे मौके पर
ङ्क्षहदू संगठन, मैं हूं ब्राह्मण महासभा, अयोध्या के संत समेत कई संगठन के लोग, कांग्रेसी, भीम आर्मी, अपना दल के नेता भी मौके पर पहुंचे। नाराजगी जताते हुए आरोपियों के गिरफ्तारी की मांग रखी व नारेबाजी की। दिनभर वार्ता का कई दौर चला पर परिजन बिना मांग पूरी हुए शव उठाने देने को राजी न हुए। बीजेपी नेता भी बुलाए गए, जिला पंचायत अध्यक्ष नीरज रानी व सांसद देवेंद्र ङ्क्षसह भोले के भाई राजेंद्र ङ्क्षसह भी पहुंचे। बीजेपी नेताओं से दूसरे संगठन के लोगों की बहस भी हो गई। दोपहर बाद 3.30 बजे करीब डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से शिवम, वंश व बहू शालिनी की वीडियो कॉल से बात कराई गई। इसके बाद परिजन माने।
एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद व लेखपाल अशोक चौहान को निलंबित कर दिया गया है। विभागीय जांच होगी। लेखपाल और जेसीबी ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है। परिवार की जिन मांग पर सहमति बनी है उन पर स्थानीय स्तर व शासन स्तर से तेजी से कार्यवाही होगी।
डॉ। राजशेखर, मंडलायुक्त