बहुत कम लोगों को पता है कि वर्ष 1922 तक विंबलडन चैंपियन को अगले वर्ष सीधे फ़ाइनल में खेलने का अधिकार मिलता था। अब हालात बदल गए हैं और वर्तमान चैंपियन जोकोविच और क्वीतोवा को दोबारा चैंपियन बनने के लिए अन्य खिलाड़ियों का तरह सात मैच जीतने होंगे।
ब्रिटेन के अधिकतर शासक रॉयल बॉक्स से खेल का मजा लेना पसंद करते हैं लेकिन 1926 में जॉर्ज 6 यानि रानी एलिज़ाबेथ के पिता ड्यूक ऑफ़ यॉर्क ने विंबलडन की युगल प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था लेकिन वह तीन सेटों में यह मुकाबला हार गए थे।
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान नाज़ियों ने सेंटर कोर्ट पर बम गिराए थे। विंबलडन के मैदान पर लडाई के दौरान एक फ़ार्म यार्ड बनाया गया था जहाँ चूहों, सुअरों और मुर्गियों को रखा गया था.1946 में जब प्रतियोगिता फिर शुरू हुई तो दर्शकों के बैठने के लिए कोई जगह नहीं थी।
ब्रिटेन को चैंपियन की तलाश
दुनिया की सबसे बड़ी टेनिस प्रतियोगिता की मेजबानी करने के बावजूद पिछले 75 वर्षों में किसी ब्रिटिश खिलाड़ी ने इस टूर्नामेट को नहीं जीता है। ब्रिटेन के फ़्रेड पेरी ने आखिरी बार 1936 में विंबलडन की व्यक्तिगत स्पर्धा जीती थी। महिलाओं में 1977 में आखिरी बार वर्जीनिया वेड ने यह खिताब अपने नाम किया था। ब्रिटेन वासियों को उम्मीद है कि इस बार शायद एंडी मरे इस परंपरा को तोड़ दें।
यह पहला मौका नहीं है जब विंबलडन के कोर्ट्स पर ओलंपिक की टेनिस स्पर्धाएं खेली जाएंगी। 1908 में भी लंदन ने ओलंपिक खेलों की मेज़बानी की थी और तब भी विंबलडन के कोर्ट्स पर टेनिस के मैच खेले गए थे और तब ब्रिटिश खिलाड़ियों ने इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता था। लंदन ने 1948 के ओलंपिक खेलों की भी मेजबानी की थी लेकिन तब टेनिस को ओलंपिक खेलों में शामिल नहीं किया गया था।
विंबलडन में शुरू से परंपरा रही है कि प्रतियोगिता शुरू होने के सातवें दिन यानि पहले रविवार को खिलाड़ी आराम करते हैं.सिर्फ तीन बार 1991,1997 और 2004 में ऐसा हुआ है कि बारिश के कारण न हो पा रहे मैचों के बैक लॉग को पूरा करने के लिए सातवें दिन भी मैच खेले गए हैं
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