मोहम्मद मेराह का दावा था कि उन्हें अलकायदा से प्रशिक्षण मिला है। गुरुवार को टूलूज में पुलिस हमले में गोली मारी गई थी। अब यह पता चला है कि कई महीनों से उनकी निगरानी की जा रही थी और वह अमरीका की 'नो फ्लाई' सूची में भी शामिल थे।
23 वर्षीय मेराह पर तीन अलग अलग हमलों में एक यहूदी स्कूल में चार लोगों और तीन सैनिकों को मारने का आरोप था। उनका कहना था कि उन्होंने ऐसा, ‘ फलस्तीनी बच्चों का बदला’ लेने और विदेश में फ्रांस के सैनिक हस्तक्षेप का विरोध जताने के लिए किया था।
गुरुवार को फ्रांसीसी अधिकारियों ने स्वीकार किया कि खुफिया एजेंसियाँ कई सालों से मेराह का पीछा कर रही थीं। उनका कहना है कि नवंबर 2011 में उनसे फ्रांस की घरेलू खुफिया एजेंसी ने उनकी अफगानिस्तान और पाकिस्तान की यात्राओं के बारे में पूछताछ भी की थी।
फ्रांस और विदेशी टीकाकारों ने मेराह पर पर्याप्त निगरानी न रख पाने के लिए खुफिया एजेंसियों की आलोचना की है। इसके जवाब में फ्रांस के विदेश मंत्री एलेन जुपे ने कहा, "मैं समझता हूँ कि लोग सवाल कर सकते हैं कि कहीं यह खुफिया असफलता का मामला तो नहीं था। हमें इस पर स्पष्टीकरण चाहिए."
उधर अमरीकी अधिकारियों का कहना है कि मेराह अमरीका की ‘नो फ्लाई’ सूची में शामिल थे जिसका अर्थ यह हुआ कि वह अमरीका जाने वाले किसी विमान में नहीं बैठ सकते थे। इन अनाम अधिकारियों का यह भी कहना था कि मेराह का इस सूची में नाम काफी समय से था।
आंतरिक सुरक्षा मंत्री क्लाउड ग्युएं ने खुफिया एजेंसियों का यह कह कर बचाव किया कि वह कई चरमपंथियों पर निगाह रखते हैं और उनके लिए इस तरह के मामलों से बच पाना काफी मुश्किल होता है। उनके शब्दों में ’इस तरह अकेले काम करने वाले भेड़िए मजबूत प्रतिद्वंदी साबित होते हैं.’
अल्जीरियाई मूल के मेराह को उस समय गोली मारी गई थी, जब उन्होंने उनके फ्लैट पर धावा बोलने वाले पुलिस कमांडोज पर गोली चला दी थी।
सिर पर गोली
फ्रांसीसी अभियोक्ता फ्रांसुआ मोलिन ने पत्रकारों को बताया कि पुलिस निशानेबाजों ने मेराह को उस समय मारा जब वह स्नान घर की खिड़की से कूद कर निकल भागने की कोशिश कर रहे थे।
शव के परीक्षण के बाद पता चला है कि उन्हें सिर पर गोली मारी गई और उन्होंने बुलेटप्रूफ जैकेट पहनी हुई थी। उनकी बाल्कनी में पेट्रोल बम बनाने की सामग्री भी मिली है।
मोलिन ने बताया कि उनके शव के बगल में कोल्ट 45 हैंडगन भी पाई गई है। अनुमान है कि मेराह ने हमला करने वाले कमांडोज पर कम से कम 30 गोलियाँ चलाई। अभियोक्ता ने इस बात की भी पुष्टि की है कि मेराह ने सभी हमलों की फिल्म बनाई थी।
इससे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोजी ने एक टेलीविजन संदेश में कहा कि मेराह के पकड़ने की हर संभव कोशिश की गई लेकिन फिर यह तय किया गया कि अब किसी जीवन को जोखिम में रखने का खतरा नही नहीं उठाया जा सकता।
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