- साइबर फ्रॉड के करीब 1400 मामले अब तक इस साल सामने आए, सिम क्लोनिंग के जरिए ठगी को दिया गया अंजाम

- बिहार, झारखंड, प। बंगाल के 4 शहर साइबर फ्रॉड के लिए बदनाम, कानपुर की सबसे ज्यादा शिकायतें इन्हीं शहरों से

KANPUR: साइबर ठग कानपुराइट्स को इस साल अब तक 10 करोड़ से ज्यादा की रकम की चपत लगा चुके हैं। और चपत लगाने का सिलसिला बदस्तूर चल भी रहा है,लेकिन इस बीच फिक्र बात यह है कि इन साइबर ठगों की पहुंच आपके बेहद संवेदनशील डाटा तक है। जिनका इस्तेमाल कर वह आपको नुकसान पहुंचा रहे हैं। पुलिस की ताजा जांच में सामने आया कि शहर में साइबर फ्रॉड के ज्यादातर मामले सिम क्लोनिंग के जरिए अंजाम दिए गए। इसके लिए साइबर ठगों ने आधार डाटा बेस का इस्तेमाल किया। इस साल ऐसे 1400 लोगों को सिम क्लोनिंग के जरिए ठगा गया। जिसमें उनके खातों से 10 करोड़ से ज्यादा की रकम लुट गई।

कैसे किया खेल?

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक साइबर ठगों ने आधार डाटा बेस के जरिए आधार की डिटेल्स हासिल की। इसी के जरिए बैंक खातों व मोबाइल नंबर से जुड़ी जानकारियों का भी उन्होंने पता लगाया.इसके बाद आधार की डिटेल्स से ही सिम क्लोनिंग की। इसके लिए अंगूठे की रबर स्टैंप का भी थंब इंप्रेशन के लिए इस्तेमाल किया।

चार शहरों से सबसे ज्यादा ठगी

पुलिस की जांच में यह बात भी सामने आई है कि सबसे ज्यादा साइबर ठग झारखंड जामताड़ा व देवधर, बिहार का खगडि़या और वेस्ट बंगाल के अलीपुरद्वार के थे। जामताड़ा तो इसको लेकर काफी बदनाम भी हुआ जहां देशभर से कई शहरों की पुलिस ने बड़ी संख्या में साइबर ठगों को गिरफ्तार किया। कानपुर पुलिस ने भी ऐसे साइबर फ्रॉड की 86 शिकायतों की जांच के बाद 13 मामलों का खुलासा किया और जामताड़ा से 12 लोगों को गिरफ्तार किया।

सांठगांठ से डाटा शेयरिंग

साइबर फ्रॉड की जांच में सिम क्लोनिंग के जो भी मामले सामने आए। उसमें डाटा शेयरिंग को लेकर सर्विस प्रोवाइडर्स की भूमिका भी संदिग्ध मिली.क्योंकि आधार कार्ड डिटेल लीक होने के साथ ही थंब इंप्रेशन की डिप्लीकेसी भी हुई। सबसे ज्यादा मामले ग्वालटोली और चकेरी थानाक्षेत्रों में सामने आए। सर्विलांस सेल और स्थानीय पुलिस ने इन मामलों में मिल कर जांच की थी।

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साइबर फ्रॉड से बचने को रखें सावधानी-

- कोई मोबाइल फोन पर कॉल करके आपसे ओटीपी पूछे तो उसे बिल्कुल भी न बताएं।

-अपने इंटरनेट बैंकिंग पासवर्ड, क्रेडिट या डेबिट कार्ड पिन समय समय पर बदलते रहे।

- पब्लिक प्लेस पर वाईफाई के इस्तेमाल से बचें, कैफे में जाकर बैंकिंक करने से बचें

- बैंकों के आसपास लगे और गार्ड सुविधा वाले एटीएम से पैसा निकालने की कोशिश करें

- एटीएम में अगर कोई अलग तरह की कमांड फॉलो करने को कहे तो सावधान हो जाएं

- एक ट्रंाजक्शन पर दो बार पिन इंटर करने को कहे तो उस एटीएम से ट्रांजक्शन न करें

- एटीएम में ट्रांजक्शन के लिए पासवर्ड डालते समय कीबोर्ड को हाथ से कवर जरूर कर लें

- एटीएम में किसी अंजान व्यक्ति की मदद न लें और ना ही उसे अपना एटीएम कार्ड दें

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एनसीआरबी के मुताबिक कानपुर में साइबर फ्रॉड -

2014- 44

2015- 338

2016- 136

3.3 परसेंट- साइबर फ्रॉड के कुल मामलों में कानपुर का हिस्सा

9वीं- रैंक कानपुर की देश के टॉप साइबर क्राइम मामलों वाले शहरों में

114- मामले आईटी एक्ट के के तहत और 22 मामले आईपीसी की धाराओं में दर्ज हुए 2016 में

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