कानपुर(ब्यूरो)। कोरोना की सेकेंड और प्रिकॉशन डोज लगाने के नाम पर हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से किए जा रहे डाटागिरी के खेल का शिकार सैकड़ों कानपुराइट्स हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने सैटरडे के संस्करण में कोरोना वैैक्सीनेशन में की जा रही डाटागिरी की खबर प्रकाशित की थी। खबर प्रकाशित होने के बाद कानपुर कॉलिंग के तहत सैकड़ों लोगों ने अपनी समस्या डीजे आईनेक्स्ट के सामने रखी। उन्होंने बताया कि कैसे बिना वैक्सीन लगे ही उन्हें वैक्सीनेटेट का मैसेज भेज दिया गया।

केस-1

मेरे मोबाइल में 4 सितंबर को फुली वैक्सीनेटेड का मैसेज आया। जिसमें सर्टिफिकेट डाउनलोड करने के लिए लिंक भी दिया हुआ था। सर्टिफिकेट डाउनलोड करने पर पता चला कि नौबस्ता स्थित सेंटर में हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से उनको डोज लगा दी गई है। जबकि वह दिल्ली में थीं।

सारिका, धरीपुरवा नौबस्ता

केस-2

28 फरवरी को मेरे मोबाइल पर सेकेंड डोज लगाने का मैसेज आया जबकि मुझे सेकेंड डोज लगी ही नही है। इसके बाद 3 मार्च को प्रिकॉशन डोज का भी मैसेज आ गया। इसकी शिकायत मैने कोविड हेल्प लाइन नंबर पर भी की थी। वहां से भी कोई रिस्पांस नहीं आया तो सीएम पोर्टल पर कंपलेन की लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

ऐरा, जूही लाल कॉलोनी

केस-3

मेरे मोबाइल में 4 सितंबर की दोपहर 2.14 मिनट पर हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से फुली वैक्सीनेटेड का मैसेज आया। जब कि मुझे एक भी डोज नहीं लगी है। शासन को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से डाटा में किए जा रहे खेल करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

पूर्णिमा सिंह, जरौली फेस-2

केस-4

22 अगस्त की दोपहर में मेरे मोबाइल में फुली वैक्सीनेटेड का मैसेज आया। जबकि मुझे अभी प्रिकॉशन डोज लगवानी है। प्रिकॉशन डोज लगावाने का टाइम नहीं मिल रहा है। लिहाजा मैं वैक्सीनेशन सेंटर नहीं जा पाई। हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक मुझे प्रिकॉशन डोज चुकी है। क्या अब भी मैं प्रिकॉशन डोज सेंटर में जा कर लगवा सकती हूं।

उर्मिला अवस्थी, कंजरनपुरवा कानपुर

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मेरे मोबाइल फोन पर 29 अगस्त को प्रिकॉशन डोज लग जाने का मैसेज आया था। जबकि अभी तक मुझे प्रिकॉशन डोज लगी ही नहीं है। यह फर्जीवाड़ा सिर्फ शासन के सामने अपनी पीठ थपथपाने के लिए किया जा रहा है। मेरे मिलने वाले कई लोगों के साथ यह फर्जीवाड़ा हो चुका है।

मनोज अवस्थी, कंजरनपुरवा, कानपुर