- 29 फरवरी को जन्म लेने वाले लोगों के लिए बेहद खास होता है ये दिन, चार साल में एक बार बर्थडे पड़ने पर होता है एक्स्ट्रा सेलिब्रेशन
-बच्चों की हर ख्वाहिश पूरी करने की कोशिश करते हैं पेरेंट्स, लीप ईयर में जन्म लेने वालों को भी होती है स्पेशल फीलिंग
KANPUR: हर किसी की लाइफ में बर्थ डे एक बेहद खास दिन होता है। साल में एक बार आने इस दिन की खास अहमियत होती है। इसलिए इस दिन को लोग सेलिब्रेट भी अलग-अलग तरीके से करते हैं। लेकिन, जिसे यह मौका चार साल में एक बार मिलता हो तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उसके लिए यह दिन क्या मायने रखता होगा। और यह दिन होता है 29 फरवरी। हर चार साल बाद लीप ईयर पड़ने पर ही कैलेंडर में यह डेट आती है। इस खास डेट के मौके पर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने ऐसे ही कानपुराइट्स की तलाश की और उनके बात कर जाना कि आखिर 29 फरवरी को बर्थडे मनाने वालों के लिए यह डेट क्या मायने रखती है।
एक ही दिन मनाएंगे चार साल की खुशियां
मेस्टनरोड निवासी मो। सलीम बताते हैं कि उनकी बेटी का जन्म 29 जनवरी 2016 को हुआ, लेकिन तब से लेकर आज तक चार साल में कभी बेटी का बर्थडे सेलीब्रेट नहीं किया। क्योंकि यह डेट इन चार सालों में आई ही नहीं। साल 2020 में फरवरी 29 दिनों की है ऐसे में वह बेटी फातिमा नाज का पहला बर्थडे मनाएंगे। इसके लिए उन्होंने खासी तैयारियां की हैं। बेटी स्कूल जाने लगी है तो उसके स्कूल में भी बर्थडे सेलीब्रेट होगा। उसके अलावा घर में भी बेटी के बर्थडे को धूमधाम से मनाया जाएगा।
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दूसरी बार सेलीब्रेट होगा ट्विन्स का बर्थडे
सर्वोदय नगर में रहने वाले विनोद और बीनू गौर की दो जुड़वा बेटियों का जन्म 29 फरवरी 2012 को हुआ था। विनोद बताया कि बेटियों का नाम माही और महिमा रख है। वह स्कूल भी जाने लगी हैं। जब भी स्कूल में दूसरे बच्चों का बर्थडे होता है तो वह हमसे आकर पूछती हैं कि हमारा बर्थडे हर साल क्यों नहीं सेलिब्रेट होता है। जब हम उन्हें समझाते है कि तुम दोनों स्पेशल हो। इसलिए तुम्हारा बर्थडे भी स्पेशल दिन होता है। जोकि चार साल में एक बार आता है। 8 साल की बेटियों का वह अब दूसरा जन्म दिन मनाएंगे। इसके लिए उन्होंने घर में खासी तैयारी कर रखी है। बेटियों की ही पसंद के हिसाब से सारे इंतजाम है। ताकि उन्हें यह पता चले कि वह कितनी स्पेश्ाल हैं।
बर्थडे की कमी नहीं होने दी महसूस
गीता नगर निवासी मान सिंह की एकलौती बेटी वैष्णवी कुशवाहा का जन्म 29 फरवरी 2012 को हुआ। मां निशा के मुताबिक वह हमारी आंखों का तारा है। भले ही उसका बर्थडे चार साल में एक बार आता हो,लेकिन हर साल 28 फरवरी को वह कुछ ऐसा जरूर करते हैं। जिससे बेटी को बर्थडे की कमी महसूस न हो। अब जब उसका रियल बर्थडे है ऐसे में उसके बर्थडे सेलीब्रेशन में कोई कमी नहीं रखेंगे। जबरदस्त पार्टी का अरेंजमेंट्स किया है। बेटी जो चाहेगी। उसे लाकर देंगे। उसकी हर खुशी पूरी करेंगे।
एक दिन पहले और होली को सेलीब्रेशन
टीचर गुंजन गोयल का जन्म भी 29 फरवरी,1980 को हुआ था। मायका शारदा नगर और ससुराल लाल बंगला में है। गुंजन ने बताया कि गवर्नमेंट जॉब की वजह से बहराइच में रहना पड़ता है। 29 फरवरी चार साल में एक बार आती है। इसलिए 28 फरवरी को ही स्कूल में बच्चों के बर्थडे सेलीब्रेटन करते हैं। छुट्टियां होने पर होली को केक काटकर बर्थडे जश्न होता है। क्योंकि 1980 में बर्थडे के दिन होली थी, अगले दिन रंगों का त्योहार होली मनाया गया था।
तिथि के हिसाब से मनाते
लालबंगला के आशीष श्रीवास्तव का जन्म 29 फरवरी, 1984 को हुआ था। उस दिन शिवरात्रि थी। उनके मुताबिक चार साल में एक बार डेट आने पर 29 फरवरी को केक काटकर बर्थडे सेलीब्रेशन करते हैं। वहीं अन्य वर्षो में शिवरात्रि के दिन बर्थडे मनाया जाता है।