कानपुर(ब्यूरो)। बैंक या किसी कंपनी के फोरेंसिक ऑडिट और जांच के नतीजे एक जैसे हों, इसके लिए इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया ने एक जुलाई 2023 से फोरेंसिक अकाउंङ्क्षटग एंड इनवेस्टीगेशन स्टैंडर्ड लागू कर दिए हैं। देश के सभी चार्टर्ड अकाउंटेंट को इसे मानना अनिवार्य होगा और उन्हें इसमें दिए गए 23 मानकों को अपनी फोरेंसिक जांच में अपनाना होगा। ऐसा न करने पर कोई शिकायत हुई तो संस्थान चार्टर्ड अकाउंटेंट के खिलाफ कार्रवाई भी कर सकता है।
तय नहीं थे स्टैंर्ड
अब तक फोरेंसिक ऑडिट और जांच को लेकर स्टैंडर्ड मानक तय नहीं था, चार्टर्ड अकाउंटेंट अपने हिसाब से जांच करते थे और कुछ लोग जो सीए नहीं होते हैं वे सर्टीफाइड फ्राड एग्जामिनर का डिप्लोमा लेकर भी जांच कर रहे हैं। ऐसे में किसी कंपनी, बैंक या अन्य वित्तीय संस्थानों में हो रही गड़बड़ी को पकड़ पाना बहुत मुश्किल हो गया है।
2020 में शुरुआत
संस्थान में कानपुर के चार्टर्ड अकाउंटेंट मनु अग्रवाल जो 2020 में कोरोना काल में संस्थान के डिजिटल अकाउंङ्क्षटग एंड एश्योरेंस बोर्ड के चेयरमैन थे, उन्होंने उस समय इस पर काम शुरू किया। 2021 में उन्होंने सात हिस्से में 23 मानक तय कर इसे संस्थान को सौंप दिया। इसके साथ ही एक अप्रैल 2023 से इसे अनिवार्य रूप से लागू करने की बात भी कही गई लेकिन कुछ कारणों से एक अप्रैल को इसे लागू नहीं किया जा सका। शुक्रवार को देर रात तक चली संस्थान की बैठक के बाद शनिवार से इसे लागू कर दिया गया। अब एक जुलाई को सीए दिवस पर संस्थान ने सभी चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए इसे अनिवार्य रूप से लागू कर दिया है।