कानपुर (ब्यूरो) बड़ा चौराहा से कचहरी की ओर जाने वाली रोड पर दुकानदार फुटपाथ पर ठेले व दुकानें लगाते हैं। तेज बारिश के दौरान इलाहाबाद बैंक की लगभग 8 फुट ऊंची दीवार 20 मीटर लंबाई में ढह गई। दीवार गिरने से फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले मलबे में दब गए। दीवार गिरते ही आसपास के लोग दौड़ पड़े और चीख पुकार के बीच मलबे में दबे घायलों को बाहर निकाला। पुलिस भी पहुंच गई और स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को जिला अस्पताल भिजवाया। कोतवाली इंस्पेक्टर कोतवाली अरुण कुमार तिवारी ने बताया कि हादसे में डिप्टी पड़ाव निवासी 70 साल के रामस्वरूप उर्फ देवा की मौत हो गई है। वे दीवार के सहारे फुटपाथ पर चूरन बेचते थे। वहीं बिरहाना रोड निवासी विनोद कुमार त्रिवेदी(50) और राधा ने ने भी देर शाम हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया। हादसे में ठेला लगाने वाले बाबा घाट निवासी सत्यम प्रजापति व विशाल तिवारी भी घायल हुए हैं। बाबा घाट निवासी रिया भी घायल हुईं। एक अन्य घायल की पहचान नहीं हो सकी है, सभी अस्पताल में भर्ती हैं।
सामने आया बैंक का संवेदनहीन रवैया
दीवार गिरने से तीन लोगों की मौत होने के मामले में बैंक प्रबंधन का रवैया संवेदनहीन नजर आया। बैंक के डिप्टी जोनल मैनेजर कपिल अग्रवाल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह प्राकृतिक आपदा है। परिसर के अंदर हुए हादसे या सुरक्षा की जिम्मेदार बैंक की है। यह हादसा बाहर हुआ है। हादसे की जिम्मेदारी बैंक की नहीं है। उन्होंने बैंक के चीफ सिक्योरिटी मैनेजर से बात करने को कहा। चीफ सिक्योरिटी मैनेजर से बात की गई तो उन्होंने अवैध वेंडङ्क्षरग का मामला बताते हुए कोई भी सहायता देने से मना कर दिया। जबकि मरने वालों में एक स्थानीय दुकानदार था, जबकि दो लोग वर्षा की वजह से मौके पर रुक गए थे और हादसे का शिकार हो गए। अधिकारी के मुताबिक फुटपाथ पर वेंङ्क्षडग प्रतिबंधित है।