कानपुर (ब्यूरो) 25 अप्रैल को सीबीआई ने चौबेपुर के स्कूल संचालक जयपाल ङ्क्षसह की शिकायत पर सर्वोदय नगर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के अंदर से प्रवर्तन इंस्पेक्टर अमित श्रीवास्तव को तीन लाख रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था। रिश्वतखोरी के खेल का राजफाश होने के बाद प्रवर्तन शाखा के कर्मी पिछले पांच वर्षों में हुई जांचों व केस निपटान के रिकॉर्ड को दुरुस्त करने में जुटे हैं। ईपीएफओ के एक उच्चाधिकारी के मुताबिक, जल्द प्रवर्तन शाखा के कई कर्मियों का तबादला भी किया जाएगा। पांचों प्रवर्तन इंस्पेक्टर की गोपनीय जांच होगी। इसमें पिछले तीन साल में केस की जांच व निपटान की फाइलों को खंगाला जाएगा। क्षेत्रीय कार्यालय की प्रवर्तन शाखा में वर्तमान में नौ इंस्पेक्टर कार्यरत हैं, जो बुंदेलखंड और कानपुर समेत आसपास के 15 जिलों का काम देखते हैं।
ऑनलाइन का दावा, चक्कर काट रहे अंशधारक
ईपीएफओ के क्षेत्रीय आयुक्त स्तर के अधिकारी नियोक्ता व कर्मचारियों के पीएफ संबंधी कार्यों का ऑनलाइन निपटाने का दावा करते हैं, जबकि जमीनी हकीकत इतर है। आनलाइन काम नहीं होने से लाभार्थियों को पीएफ कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं। ईपीएफओ परिसर में बने जन सुनवाई प्रकोष्ठ में रोजाना 200 से ज्यादा लोग समाधान पाने के लिए पहुंच रहे हैं, जबकि यहां बैठे कर्मचारी उन्हें आनलाइन आवेदन व गड़बड़ी ठीक कराने का हवाला देकर टरका देते हैं। कमियां दुरुस्त करने के बावजूद भी कई बार समाधान में दिक्कत होती हैं।