कानपुर(ब्यूरो)। कलक्टरगंज थानाक्षेत्र के काहूकोठी स्थित राज किशोर स्वीट्स की दुकान व कारखाने में भीषण आग लगने से दो कर्मचारियों की जल कर मौत हो गई। रात ढाई बजे के करीब लगी आग की लपटें इतनी तेज थी कि फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों को 7 घंटे तक आग बुझाने के लिए जूझना पड़ा। कारखाने में ही स्वीट हाउस के कर्मचारी रहते हैं। आग लगने के बाद वह किसी तरह कूद कर या पड़ोसियों की मदद से बाहर निकले। आग में फंसे दो कर्मचारियों की मौत हो गई। सुबह 7 बजे के करीब आग पर पूरी तरह से काबू पाया जा सका। आग लगने की वजह अभी साफ नहीं है, लेकिन इलाकाई लोगों ने आग लगने के दौरान कई धमाकों की आवाज भी सुनी। कारखाने में गैस सिलेंडरों के अलावा डीजल भी बड़ी मात्रा में मौजूद था। घटना में घायल दो कर्मचारियों को पास के अस्पताल ले जाया गया। जहां उनकी हालत अब स्थिर है।
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2.30 बजे रात करीब आग लगी दुकान में
10 गाडिय़ां फायर ब्रिगेड की आग बुझाने में लगीं
7 घंटे की मशक्कत के बाद पाया जा सका काबू
2 कर्मचारियों की हादस में मौत हो गई
2 कर्मचारी हैं घायल, पास के अस्पताल में भर्ती
8 से 10 लोग कारखाने में ही रुकते थे रात को
नीचे दुकान ऊपर कारखाना
काहूकोठी निवासी बनवारी लाल गुप्ता की इलाके में ही राज किशोर स्वीट्स नाम से काफी पुरानी दुकान है। दुकान के ऊपर ही मिठाई बनाने का कारखाना भी है। जिसमें कर्मचारी भी रहते हैं। दुकान बंद होने पर नीचे ही ताला लगा दिया जाता है। स्वीट हाउस में रात ढाई बजे के करीब आग लगी। आग तेजी से फैली। दुकान और ऊपर कारखाने के बाहर काफी ग्लास लगा हुआ था। इस वजह से आग के साथ धुंआ तेजी से कारखाने में ही भरने लगा। इसी बीच एक धमाका हुआ। जिससे कर्मचारियों की आंख खुली। तब तक वह फंस चुके थे।
चीखपुकार से पता चला
चीख पुकार मची तो आसपास के लोगों ने साड़ी और रस्सी डाली जिसके जरिए कर्मचारियों को बाहर निकालना शुरू हुआ। इसी आग में दुकान में काम करने वाले हरदोई निवासी श्यामनाथ कश्यप (22) और बस्ती निवासी सनी प्रजापति (23) आग में फंस गए। श्यामनाथ मूकबधिर था। इस वजह से उसकी चीख कोई सुन ही नहीं सका। आग ने तेजी से पूरे कारखाने को चपेट में ले लिया। इस बीच मौके पर पहुंची लाटूश रोड फायर स्टेशन की गाडिय़ों ने फंसे हुए लोगों को निकालने के साथ आग बुझाना शुरू किया। मौके पर डीसीपी ईस्ट प्रमोद कुमार भी पहुंचे और राहत कार्यों का जायजा लिया।
कई साल से कर रहे थे काम
दुकान में काम करने वाले एक कर्मचारी ने बताया कि कुल 8 से 10 लोग कारखाने में ही रुकते थे। ज्यादातर लोग आसपास के जिलों के ही हैं। श्यामनाथ और सनी दोनों कारीगर थे और काफी समय से दुकान में काम कर रहे थे। दोनों की ही अभी शादी नहीं हुई थी।
सिलेंडर के साथ डीजल भी
काहूकोठी में जिस राजकिशोर नाम की जिस मिठाई की दुकान के कारखाने में आग लगी। वह काफी पुरानी और प्रतिष्ठित दुकान है। इसमें ग्राउंड फ्लोर पर दुकान और ऊपर के दो फ्लोर पर कारखाने हैं। इस दुकान को रेनेावेट भी किया गया। जिसमें बाहर से ग्लास और फाइबर शीट लगाई गई थी। मिठाई बनाने के लिए एलपीजी सिलेंडर के अलावा डीजल की भट्टियों का भी प्रयोग किया जाता था। इस वजह से कारखाने में काफी मात्रा में डीजल भी रखा हुआ था। आग इतनी विकराल होने की एक वजह यह भी रही। घने इलाके में यह कारखाना होने के कारण दमकल की गाडिय़ों को पहुंचने में भी समय लगा। दुकान और कारखाने में भी फायर सेफ्टी के इंतजाम नहीं थे। इस वजह से जब आग लगी तो उसे बुझाने के लिए कर्मचारी कुछ नहीं कर सके और फंसे रह गए बाहर निकलने के लिए उन्हें दुकान के फ्रंट पर लगे शीशों को तोडऩा पड़ा।