कानपुर (ब्यूरो)। अपर इंडिया शुगर एक्सचेंज जच्चा-बच्चा अस्पताल परिसर में स्थित सिफ्सा ट्रेनग सेंटर में संडे की देर रात आग लगने से सारे दस्तावेज जलकर राख हो गये थे। इस हादसे ने अग्नि सुरक्षा इंतजामों की पोल खोल दी है। समय पर पहुंचे अग्निशमन विभाग के जवानों ने आग पर काबू पा लिया वरना अगर आग भडक़ती तो यहां पर भर्ती प्रसूताओं के साथ ही उनके तीमारदारों की जान भी खतरे में पड़ सकती थी। यहां पर लगा हाइड्रेंट सिस्टम, स्मोक डिटेक्टर, वाटर स्प्रिंकलर्स समेत अन्य सिस्टम अभी तक चालू नहीं हो सका है।


व्यवस्थाओं की खोल दी पोल
सिटी में लगातार हो रही अग्निकांड की घटनाओं के बावजूद इनसे सबक नहीं लिया जा रहा है। संडे को जच्चा बच्चा अस्पताल में स्थित सिफ्सा ट्रेङ्क्षनग सेंटर ने अस्पताल में अग्निसुरक्षा मानकों की पोल खोल दी है। हैलट अस्पताल से संबद्ध जच्चा-बच्चा अस्पताल, बालरोग विभाग और हैलट अस्पताल की इमरजेंसी में आग से निपटने के संसाधन न के बराबर हैं।


हाइड्रेंट की लाइनें सिर्फ दिखावे
जच्चा-बच्चा अस्पताल में दिखावे के नाम पर हाइड्रेंट की लाइनें तो बिछा दी गई हैं लेकिन अभी वह चालू नहीं हो सकी हैं। सिफ्सा कार्यालय में आग लगने पर बालरोग और हैलट अस्पताल की इमरजेंसी से फायर इङ्क्षस्टग्युशर मंगाने पड़े थे। कर्मचारियों और दमकल के जवानों के प्रयास से समय रहते आग पर काबू पा लिया गया। अगर आग वार्डों तक नहीं पहुंच जाती तो अस्पताल में अफरा-तफरी मच सकती थी।


जच्चा -बच्चा अस्पताल और बालरोग विभाग में फायर फाइटग सिस्टम लगाने का काम चल रहा है। काम में तेजी लाने के निर्देश दिए गये हैं ताकि हादसा होने की स्थिति में प्रारंभिक स्थिति में आग को नियंत्रित किया जा सके।
- दीपक शर्मा, मुख्य अग्निशमन अधिकारी